इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इस साल पोलियो के 62 मामले सामने आए हैं, जो 2015 के बाद सबसे ज्यादा है। डॉन न्यूज के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा और सिंध से रविवार को दो और मामले सामने आने के बाद यह संख्या 62 तक पहुंच गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अधिकारियों ने कहा कि रविवार को सिंध में छह पीड़ितों का पता चला है, जबकि बलूचिस्तान और पंजाब दोनों से पांच-पांच मामले सामने आए हैं। 2018 में 12 मामले सामने आए, जबकि 2017 में केवल आठ बच्चों में वायरस के पॉजिटिव रिपोर्ट आए।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच), इस्लामाबाद में पोलियो वाइरोलॉजी प्रयोगशाला के एक अधिकारी ने खैबर पख्तूनख्वा के ताजा मामले के बारे में रविवार को कहा, "यह इनकार का एक स्पष्ट मामला था।"
पीड़ित 10 महीने का एक बच्चा था। दक्षिण वजीरिस्तान में मामले का पता चला। अधिकारी ने कहा, "बच्चे के दादा पोलियो टीकाकरण के खिलाफ थे।" अधिकारी के अनुसार, दूसरी पीड़िता कराची के ओरंगी क्षेत्र में आठ महीने की एक बच्ची रही।
पोलियो उन्मूलन पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी सलाहकार समूह (टीएजी) ने कहा है कि खैबर पख्तूनख्वा पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन के प्रयासों में एक बड़ा रोड़ा है। डॉन के मुताबिक, दुनिया में केवल दो देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान हैं, जहां पोलियो के मामले अभी भी सामने आ रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ द्वारा लगाए गए पोलियो संबंधी यात्रा प्रतिबंध के तहत पाकिस्तान अभी भी बना हुआ है, जिसके कारण 2014 से विदेश यात्रा करने वाले हर शख्स को पोलियो टीकाकरण प्रमाणपत्र साथ ले जाना होगा।
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