इससे पहले पुतिन के साथ मीडिया के समक्ष मोदी ने कहा था कि दोनों नेता किसी
भी देश के मामलों में बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ हैं। प्रधानमंत्री ने इस
बयान के साथ ही पाकिस्तान को एक संदेश दिया, जो जम्मू एवं कश्मीर से राज्य
को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से ही राज्य के
मुद्दे में किसी तीसरे देश के हस्तक्षेप की कोशिश कर रहा है।
भारतीय
प्रधानमंत्री ने रूस को भरोसे का प्रतीक बताया। पुतिन ने हालांकि अपने बयान
में भारत-पाकिस्तान संबंधों का जिक्र नहीं किया। गोखले ने कहा, हम समझते
हैं कि रूस इस मुद्दे पर भारत के साथ मजबूती के साथ खड़ा है।
गोखले ने मोदी
व पुतिन के बीच वार्ता को काफी गर्मजोशी भरा बताया और कहा कि दोनों नेता
बड़े पैमाने पर अपने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए
सहमत हुए हैं। रूसी राष्ट्रपति ने मोदी को अगले वर्ष मई में तत्कालीन
सोवियत संघ की द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर
आमंत्रित किया है। मोदी ने इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।
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