इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ( Imran Khan) ने कबूल करते हुए कहा है कि शीत युद्ध के दौरान अफगानिस्तान में सोवियत संघ से लड़ने के लिए पाकिस्तान ने ही जिहादियों को तैयार किया था। इसकी फंडिंग अमेरिका ने की थी। लेकिन एक दशक बाद अमेरिका ने इन्हीं जिहादियों को आतंकवादी घोषित कर दिया। आतंकवाद पर कहा है कि उनके देश को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का साथ देने की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। अमेरिका ने अंत में अफगानिस्तान में अपनी नाकामी का दोष पाकिस्तान के सिर पर मढ़ दिया जोकि सही नहीं है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रधानमंत्री खान ने आगे कहा कि जब पाकिस्तान ने 9/11 हमले के बाद तालिबान के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का साथ दिया तो उसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर हमने 9/11 के बाद आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी युद्ध में हिस्सा नहीं लिया होता तो आज हम दुनिया के सबसे खतरनाक देश नहीं होते।
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