सोफिया। बुल्गारिया में एक गाय को मारने के लिए पूरे देश का प्रशासन इसकी योजना बनाने लगता है। पेंका नामक गाय का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने बिना अनुमति यूरोपीय संघ (ईयू) की सीमा को पार कर लिया था। हालांकि पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और सोशल मीडिया ने इस पांच साल की गाय पेंका के जीवन को बचाने में अहम योगदान दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विरोध के बाद जताई छोडऩे पर सहमति
अधिकारियों व प्रशासन का मानना था कि बिना पेपरवर्क के यूरोपीय संघ की सीमा को पार नहीं किया जा सकता है। इसके बाद उसे मारने की योजना बनाई गई लेकिन इससे पहले ही सोशल मीडिया पर इसका विरोध शुरू हो गया और बुल्गारियाई सरकार ने सोमवार को पेंका के जीवन को छोडऩे के लिए सहमति जताई है। इससे पहले बीटल सर पॉल मैककार्टनी समेत कई पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस कदम का विरोध किया था।
झुंड से बिछडक़र सीमा पार चली गई थी पेंका
पेंका नामक ये गाय पिछले महीने बल्गेरियाई के मंगाचेवो गांव के पास अपने झुंड से दूर चली गई और साथ ही वह पड़ोसी सर्बिया में ब्लॉक से बाहर चली गई। लेकिन जब दो सप्ताह बाद इसे वापस बुल्गारियाई सीमा पर भेजा गया तो अधिकारियों ने कहा कि गाय को नीचे रखना होगा क्योंकि उसने दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया था जिसके अंतर्गत ईयू में प्रवेश करने वाले जानवरों के पास उनके स्वास्थ्य की पुष्टि करने वाले कागजात होने चाहिए।
ब्रिटेश में शुरू हुआ था विरोध प्रदर्शन
पेन्का की दुर्दशा के बाद सोशल मीडिया पर विशेष रूप से ब्रिटेन में विरोध प्रदर्शन किया गया जहां यूरो-संशयवादी प्रचारकों और प्रकाशनों ने इसे ब्रुसेल्स नौकरशाही के शिकार के रूप में रखा। पूर्व बीटल सर पॉल मैककार्टनी समेत पशु अधिकार प्रचारकों ने बुल्गारिया से पांच साल के इस जानवर को बचाने के लिए याचिका पर हस्ताक्षर किए।
लोकसभा चुनाव 2024: सुबह 11बजे तक बिहार में 20.42%,छतीसगढ़ में 28.12%,J&K में 22.60%,MP में 30.46%,महाराष्ट्र में 19.17% मतदान दर्ज
लोकसभा चुनाव 2024: राजस्थान में सुबह 9 बजे तक 10.67% मतदान दर्ज,यहां देखे 12 सीटों में कितना मतदान हुआ
बंगाल के कूचबिहार में तृणमूल-बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प के बाद भड़की हिंसा
Daily Horoscope