दाओस। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को दोहराया कि पाकिस्तान किसी भी नए संघर्ष का हिस्सा नहीं बनेगा, क्योंकि शांति से देश का भला हो रहा है। खान ने दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक कांग्रेस सेंटर में 'पाकिस्तान स्ट्रेटेजी डायलॉग' नामक एक सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अफगान जिहाद और 9/11 के बाद आतंकवाद के खिलाफ युद्ध दोनों से सीखा है, जिसने पाकिस्तान व उसके नागरिकों को भारी नुकसान पहुंचाया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रधानमंत्री खान फिलहाल विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए स्विट्जरलैंड की 3 दिवसीय यात्रा पर हैं। इस दौरे पर वह कॉर्पोरेट, व्यापार, प्रौद्योगिकी एवं वित्त अधिकारियों के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकें करेंगे। शांति के मार्ग के लाभ गिनाते हुए खान ने कहा कि पाकिस्तान में पर्यटन दोगुना हो गया है।
उन्होंने आतंकवाद को खत्म करने को अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा "यह पहली सरकार है, जिसने आतंकवादियों से हथियार डलवाया है और उनका पुनर्वास किया है। हम आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" जियो न्यूज ने रेडियो पाकिस्तान के हवाले से बताया कि प्रधानमंत्री खान ने इस दौरान अफगानिस्तान में शांति के लिए पाकिस्तान की पहल का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा "इस्लामाबाद अफगान शांति प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए सक्रिय रूप से भाग ले रहा है।" खान ने कहा कि अफगानिस्तान में संघर्ष विराम का एक मौका है, जो पाकिस्तान को आर्थिक गलियारे के माध्यम से मध्य एशियाई देशों तक पहुंचने में मदद करेगा। पाकिस्तान में आर्थिक स्थिति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका पहला वर्ष स्थिरीकरण उपायों पर केंद्रित रहा, जिसने चालू खाता घाटे में काफी कटौती की।
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