इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को रक्षामंत्री परवेज खट्टक की अगुवाई वाले सरकारी वार्ता दल से मुलाकात कर जेयूआई-एफ के आजादी मार्च के संबंध में आगे की कार्रवाई पर चर्चा की। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह बैठक सरकारी वार्ता दल और रहबर समिति के बीच दूसरे दौर की वार्ता से पहले हुई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रहबर समिति में विपक्षी दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, खट्टक और पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष चौधरी परवेज इलाही ने रहबर कमेटी के साथ हुई बातचीत की जानकारी प्रधानमंत्री को दी। इलाही ने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के साथ अपनी बैठक के बारे में भी इमरान को जानकारी दी।
रहमान पाकिस्तान की सत्तारूढ़ तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को गिराने के लिए मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। सोमवार को सरकार के दो अलग-अलग वार्ता दलों ने आजादी मार्च के मद्देनजर गतिरोध को तोडऩे के लिए जेयूआई-एफ से संपर्क किया। खट्टक के नेतृत्व में पहला प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद में रहमान के निवास पर रहबर समिति से मिला। बैठक में रहबर समिति ने विपक्ष की चार मांगों को प्रस्तुत किया, जिसमें प्रधानमंत्री इमरान खान का इस्तीफा और देश में सेना के पर्यवेक्षण के बिना नए सिरे से चुनाव कराना शामिल है।
इस दौरान दोनों पक्षों ने कोई भी सहमति बनने को लेकर संकेत नहीं दिए। बैठक के कुछ घंटे बाद पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी शुजात हुसैन के नेतृत्व में दूसरा सरकारी प्रतिनिधिमंडल भी मांगों पर चर्चा करने के लिए जेयूआई-एफ प्रमुख से मिला। अधिकारियों के अनुसार, 31 अक्टूबर को आजादी मार्च के इस्लामाबाद पहुंचने के बाद से 20 से 25 लाख लोग सरकार विरोधी प्रदर्शन में भाग ले चुके हैं।
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