इस्लामाबाद । उज्बेकिस्तान में 22वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन का आयोजन अगले सप्ताह होने वाला है। इस दौरान भारत और पाकिस्तान के अहम नेता एक छत के नीचे दिखाई देंगे। सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय बैठक की मांग नहीं करेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने द न्यूज को बताया, अगर नई दिल्ली की ओर से एक बैठक के लिए अनुरोध आता है तो इस्लामाबाद उस पर विचार कर सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सूत्रों ने कहा कि शिखर सम्मेलन में किन्हीं दो नेताओं के मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
विदेश कार्यालय इस सप्ताह के अंत में बैठकों के अंतिम कार्यक्रम के बारे में जानकारी देगा।
द न्यूज ने बताया कि शरीफ और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पहली मुलाकात उल्लेखनीय होगी, क्योंकि यह कोरोनो वायरस महामारी के बाद से उनकी पहली विदेश यात्रा का हिस्सा होगी।
साइडलाइन बैठक का एक विशिष्ट महत्व होगा। इसकी वजह यह है कि दोनों देशों के पास चर्चा के लिए उनके एजेंडे में कई विषय हैं, जिनमें चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) में तेजी और अर्थव्यवस्था के लिए बहुत आवश्यक चीनी वित्तीय सहायता शामिल है।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन और उनके अजरबैजान के समकक्ष इल्हाम अलीयेव उन नेताओं में शामिल होंगे, जो शरीफ के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस दौरान वह चीनी समकक्ष शी के साथ एक बैठक करेंगे।
--आईएएनएस
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