वॉशिंगटन। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अफगानिस्तान में भारत के बढ़ते प्रभाव से परेशान है। यह कहना है कि अमेरिकी खुफिया विभाग के अधिकारियों का। खुफिया अधिकारियों ने अमेरिकी कांग्रेस को बताया कि पाकिस्तान नहीं चाहता है कि अफगानिस्तान के अंदर भारत का प्रभाव बढ़े। और, वह अपनी पश्चिमी सीमा पर भारत के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर चीन से अपनी दोस्ती को और मजबूत करने में भी जुट सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के मुताबिक, हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस के अंदर अफगानिस्तान में हुई जंग को लेकर एक बैठक हुई। इसमें अफगानिस्तान और भारत की बढ़ती दोस्ती को लेकर पाकिस्तान की चिंता के बारे में चर्चा हुई। ट्रंप सरकार अफगानिस्तान को लेकर नई नीति तय करने में लगा हुआ है और इस बारे में विमर्श का दौर जारी है। इस मुद्दे पर अमेरिकी मीडिया और थिंक टैंक ने खासी दिलचस्पी दिखाई है। इस हफ्ते की शुरुआत में ही रिपब्लिकन कांग्रेसमैन एडम किंजिंगर ने सुझाव दिया था कि अमेरिका पाकिस्तान में कथित आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले दोबारा शुरू करे। मामले पर नजर रखने वालों का मानना है कि अगर आतंकवादी अफगानिस्तान के अंदर अमेरिकी सेना को निशाना बनाने की कोशिश करते हैं, तो ट्रंप प्रशासन उनके खिलाफ फिर से सैन्य कार्रवाई शुरू कर सकता है।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान पर सेनेट आम्र्ड सर्विसेज कमेटी की हाल ही में हुई बैठक में अमेरिकी खुफिया विभाग के वरिष्ठ अफसरों ने इस संबंध में समिति को जानकारी दी। इसमें से अधिकतर चर्चा पाकिस्तान पर हुई। अमेरिकी नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर डैन कोट्स ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पडऩे के बाद पाकिस्तान परेशान है और अपने हालात की समीक्षा वह भारत के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय रसूख के नजरिये से कर रहा है। विदेशों में भारत की बढ़ती भूमिका और अमेरिका से बेहतर होते रिश्ते भी पाकिस्तान को परेशान कर रहे हैं।’
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