इस्लामाबाद। पाकिस्तान में विपक्षी दलों की ऑल पार्टी कांफ्रेंस (एपीसी) ने
बिनी किसी हस्तक्षेप वाले ताजा संसदीय चुनाव की मांग दोहराई है। हाल में
इमरान सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर आंदोलन कर चुके जमीयते उलेमाए
इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के नेता मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में देश के
प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की मंगलवार को हुई बैठक में यह मांग दोहराई
गई।
बैठक के बाद रहमान ने मीडिया से बातचीत में कहा, विपक्षी दलों की
एपीसी का मानना है कि देश के सामने मौजूद सभी समस्याओं का समाधान मौजूदा
सरकार का खात्मा और नए आम चुनाव हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की मांग
है कि देश में फिर से आम चुनाव कराया जाए जिसमें सेना की किसी तरह की
भूमिका न हो। उन्होंने कहा कि हमें न तो मौजूदा सलेक्टेड पीएम मंजूर है और न
ही भविष्य में होगा।
यह हमारी मांग का निचोड़ है और इससे किसी समझौते का
सवाल ही नहीं पैदा होता। रहमान ने कहा कि अपनी यह मांग पूरी होने तक विपक्ष
का संघर्ष जारी रहेगा। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो
जरदारी भी बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को 2018 के आम
चुनाव को लेकर पहले दिन से आपत्तियां रही हैं। हम भी एक ऐसा आम चुनाव चाहते
हैं जो किसी सलेक्टेड सरकार को न चुने।
बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया
है कि समग्र राजनीतिक स्थितियों के आकलन में एपीसी ने पाया कि सरकार की
अक्षमता के कारण देश का पूरा ढांचा चरमरा गया है। बैठक चीन-पाकिस्तान
आर्थिक गलियारे से संबंधित प्राधिकरण के गठन को खारिज करती है क्योंकि यह
संसद में इस बारे में लिए गए निर्णय के उलट है।
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