कराची। पाकिस्तान में कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए एक समन्वित राष्ट्रीय नीति के नहीं होने का मुद्दा बार-बार सामने आ रहा है। संकट से निपटने के लिए लॉकडाउन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा गेंद को प्रांतों के मुख्यमंत्रियों के पाले में डालने की कोशिश पर सिंध के मुख्यमंत्री ने कड़ा प्रहार किया है। सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह का बयान एक ऐसे समय पर आया है जब देश की सर्वोच्च अदालत ने कोरोना वायरस से निपटने के संघीय व प्रांतीय सरकारों के तरीके पर घोर निराशा जताते हुए सोमवार को कहा कि 'इस मामलें में संघीय सरकार किसी एक तरफ जाती दिखाई देती है तो प्रांत की सरकार दूसरी तरफ।' ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सिंध प्रांत में सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सरकार के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने कराची में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री इमरान खान को संबोधित करते कहा, "कोरोना पर आप यह नहीं कह सकते कि जिसकी जो मर्जी हो, करे। आप प्रधानमंत्री हैं, फैसला करें। हम पालन करेंगे।"
गौरतलब है कि इमरान लॉकडाउन को लेकर लगातार पसोपेश में रहते हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान में गरीब बहुत ज्यादा हैं और वे लॉकडाउन के झटके को लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसके पहले भी इमरान की संघीय सरकार के बजाए प्रांतीय सरकारों ने खुद के स्तर से ही लॉकडाउन लगू किया था। अब इसकी अवधि पूरी हो रही है तो इमरान ने कहा कि इस बारे में प्रांत खुद फैसला ले सकते हैं कि इसे आगे बढ़ाना है या नहीं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर प्रांतों से सलाह मशविरा करेंगे।
मुराद अली शाह ने कहा कि हम अकेले बैठकर फैसला नहीं ले सकते। यह एक राष्ट्रव्यापी मसला है।
उन्होंने कहा, यह वक्त एकता का है। मैंने और विपक्ष के तमाम लोगों ने प्रधानमंत्री से कहा कि हम वही करना चाहते हैं जो आप फैसला करें। आप फैसला तो करें, यह न कहें कि जिसकी जो मर्जी हो, वह वो कर ले। मैं एक राष्ट्रीय कार्ययोजना लेकर आगे चलना चाहता हूं।
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