कराची। पाकिस्तान के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात लेखक मोहम्मद हनीफ ने आरोप लगाया है कि उनकी प्रसिद्ध किताब 'केस ऑफ एक्सप्लोडिंग मैंगोज' के उर्दू संस्करण 'फटते आमों का केस' के प्रकाशक के दफ्तर पर 'कुछ लोगों' ने धावा बोला और उनकी किताबों को अपने कब्जे में ले लिया। 'केस ऑफ एक्सप्लोडिंग मैंगोज' बुकर पुरस्कार के लिए नामित हुई थी। इसे हनीफ की बेस्टसेलर किताब माना जाता है। यह उपन्यास सैन्य तानाशाह जनरल जिया उल हक के कार्यकाल तथा विमान हादसे में उनकी मौत पर आधारित है और व्यंग्य की शैली में है। हनीफ का यह उपन्यास एक अन्य सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ के कार्यकाल में प्रकाशित हुआ था। इसका उर्दू संस्करण बीते साल प्रकाशित हुआ। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
छापे की जानकारी हनीफ ने ट्वीट कर दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उनकी किताब के उर्दू संस्करण के प्रकाशक मकतबे दानियाल के दफ्तर पर छापा मारा। उन लोगों ने खुद को पाकिस्तानी खुफिया संस्था आईएसआई से जुड़ा बताया। वे किताबें अपने साथ ले गए। उन्होंने मैनेजर को धमकाया और हमारे बारे में जानकारी ली। उन्होंने यह भी कहा कि वे फिर आएंगे और उन विक्रेताओं की सूची लेकर जाएंगे जिन्होंने यह किताब बेची है।
हनीफ ने ट्वीट में कहा कि बीते हफ्ते उन्हें जनरल जिया उल हक के बेटे एजाज उल हक की तरफ से एक मानहानि का नोटिस मिला है। उन्होंने अपने पिता का नाम खराब करने का आरोप लगाते हुए एक अरब रुपये का हर्जाना मांगा है। हमारे वकील अभी जवाब तैयार कर रहे थे कि यह छापा पड़ गया।
हनीफ ने पूछा "क्या आईएसआई एजाज उल हक की तरफ से काम कर रही है?"
पायलट और पत्रकार भी रह चुके लेखक हनीफ ने कहा "11 साल हो गए मेरे उपन्यास को प्रकाशित हुए। कभी किसी ने कुछ नहीं कहा। अब क्यों? मैं यहां बैठा हूं और सोच रहा हूं कि क्या वे हमारे लिए आएंगे? आईएसआई दुनिया की नंबर वन जासूसी संस्था है। मुझे उम्मीद है कि उनके पास करने के लिए इससे बेहतर और काम होंगे। मुझे भी अपना स्कूल चलाना है।"
(आईएएनएस)
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