इस्लामाबाद। पाकिस्तान की संसद और पाकिस्तान टेलीविजन (पीटीवी) दफ्तर पर हमले के आरोप से प्रधानमंत्री इमरान खान को बरी करने की याचिका पर आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) 12 दिसंबर को फैसला सुनाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जब इमरान विपक्षी नेता की भूमिका में थे। 31 अगस्त वर्ष 2014 में उनकी पार्टी तहरीह ए इंसाफ पाकिस्तान ने सरकार के खिलाफ धरना दिया था। पार्टी सदस्यों की संसद भवन के तरफ बढ़ने के दौरान पुलिस से झड़प हुई थी। तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार ने इसके बाद इमरान समेत कई नेताओं पर आतंकवाद रोधी कानून के तहत मामला दर्ज कराया था।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार एटीसी ने गुरुवार को इस मामले में फैसले को 12 दिसंबर तक के लिए टाल दिया। न्यायाधीश राजा जावेद अब्बास ने कहा "इस मामले में खुद को बरी करने के लिए कई अन्य लोगों ने भी याचिकाएं दायर की हुई हैं यह संभव नहीं है कि अन्य लोगों को छोड़कर केवल प्रधानमंत्री इमरान खान की याचिका पर फैसला सुना दिया जाए।"
तत्कालीन सरकार ने विपक्षी नेता इमरान खान पर मामला दर्ज कराया था। तब सरकारी वकील ने उनके खिलाफ तर्क दिए थे। लेकिन वक्त बदला और इमरान प्रधानमंत्री बने और पिछली सुनवाई में खुद सरकारी वकील ने मामले में प्रधानमंत्री की रिहाई का विरोध नहीं किया था। इसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सरकारी वकील ने प्रधानमंत्री को बरी किए जाने की दलील देते हुए कहा “हमें इस मामले में इमरान खान को बरी किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। यह मामले राजनीतिक वजहों से दायर किए गए थे। इनसे कुछ हासिल होने वाला नहीं है, केवल अदालत का समय ही बर्बाद होगा।“
(आईएएनएस)
लोकसभा चुनाव 2024: राजस्थान में 1बजे तक 33.73% मतदान दर्ज,यहां देखे 12 सीटों में कितना मतदान हुआ
यूपी में चंद्रशेखर ने ईवीएम खराब होने की शिकायत की, सपा ने भी लगाए कई आरोप
बंगाल के कूचबिहार में तृणमूल-बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प के बाद भड़की हिंसा
Daily Horoscope