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इस्लामाबाद । पाकिस्तान और
चीन के बीच निकटता हर हफ्ते बढ़ती जा रही है, क्योंकि इस्लामाबाद चीन के
लिए हर दरवाजा खोल रहा है, जिसमें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी)
भी शामिल है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आर्थिक संकट से जूझ रहे
देश में चीनी कंपनियों को अपने क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की अनुमति दी है।
पाकिस्तान
के प्रधानमंत्री ने निवेशकों, व्यापारियों और कॉर्पोरेट क्षेत्र के
अधिकारियों के एक चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ अपनी हालिया बैठक के दौरान,
चीनी उद्यमियों से पाकिस्तान में अपने क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने का
आह्वान किया है।
खान ने कहा, "चीनी व्यापारिक घरानों को पाकिस्तान
में अपने क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने चाहिए।" उन्होंने कहा कि
पाकिस्तान ने चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए बहुत महत्व
दिया है।
उन्होंने कहा, "दोनों देशों के लोगों के लिए
व्यापार-से-व्यापार संबंधों को मजबूत करना एक प्रमुख प्राथमिकता है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान व्यापार विकास और प्रगति के लिए चीनी
निवेशकों को हर संभव सुविधा का आश्वासन देता है।
10 सदस्यीय चीनी
प्रतिनिधिमंडल में ऊर्जा, संचार, कृषि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वित्तीय
और औद्योगिक क्षेत्रों सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यावसायिक उपक्रम
वाली कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल रहे।
पावर कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन
ऑफ चाइना (पॉवर चाइना), चाइना रोड एंड ब्रिज कॉर्पोरेशन (सीआरबीसी), चाइना
गेझोउबा (समूह) पाकिस्तान, चाइना थ्री गोरजेस साउथ एशिया इन्वेस्टमेंट
कंपनी लिमिटेड, चाइना रेलवे ग्रुप लिमिटेड, इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक
ऑफ चाइना, चाइना मशीनरी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन और चाइना मोबाइल पाकिस्तान
लिमिटेड जैसी कंपनियों ने बैठक में हिस्सा लिया। इन कंपनियों के साथ ही
बैठक में पाकिस्तान में चीनी राजदूत याओ जिंग भी मौजूद रहे।
याओ
जिंग ने कहा, "नीति और कार्यान्वयन स्तर पर पेश किए गए विभिन्न सुधारों ने
चीनी व्यापारिक समुदाय का विश्वास बढ़ाया है और पाकिस्तान को कोविड-19 के
माहौल में विकास में एक प्रमुख भागीदार के रूप में देखा जा रहा है।"
उन्होंने कहा, "चीन पाकिस्तान को व्यापार के उभरते हब के रूप में देखता है।"
यह
स्पष्ट रूप से साफ हो रहा है कि पाकिस्तान लगभग सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों
में परियोजनाओं और पहलों में सहयोग के माध्यम से अपनी अपंग आर्थिक स्थिति
को पुनर्जीवित करने के लिए चीन के भरोसे पर है।
रणनीतिक और राजनीतिक
विशेषज्ञ जावेद सिद्दीकी ने कहा, "वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान के कूटनीतिक
प्रयासों को उसकी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण भुगतना पड़ा है। लेकिन चीन
की देश में रुचि बढ़ने और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के साथ पाकिस्तान
निश्चित रूप से कश्मीर जैसे विभिन्न मुद्दों पर अपने मामले को आगे बढ़ाने
के लिए वैश्विक शक्तियों के सामने बहुत मजबूत स्थिति में होगा। और यह तभी
संभव होगा जब देश वित्तीय और आर्थिक रूप से स्थिर होगा और यह चीन के सहयोग
और समर्थन के साथ होगा।"
--आईएएनएस
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