इस शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन पहले बुधवार को किया जाना था, लेकिन
सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के शीर्ष नेता कैबिनेट के सदस्यों के रूप में शामिल
होने वाले उम्मीदवारों को अंतिम रूप नहीं दे सके। इस कारण इस शपथ ग्रहण
समारोह को स्थगित कर दिया गया। पिछले कई दिनों से पीएमएल-एन के नेतृत्व में
कई बैठकों का आयोजन हो रहा था। अब्बासी के मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देने
के साथ ही, पार्टी के नेतृत्व में भविष्य की कार्रवाई की योजना तैयार करने
के लिए कई सत्र आयोजित किए जा रहे थे। ये भी पढ़ें - यहां सुहाग उजड़ने के भय से करवा चौथ का व्रत नहीं
पार्टी के सूत्रों का कहना
है कि शहबाज शरीफ पंजाब नहीं छोडऩा चाहते थे। इस प्रांत पर 2008 से ही उनका
शासन था। शहबाज के करीबियों का दावा है कि मुख्यमंत्री का मानना है कि
मुख्यमंत्री का मानना है कि आगामी आम चुनाव में एक वर्ष से भी कम समय रह
गया है और ऐसे में पंजाब में उनकी निरंतरता महत्वपूर्ण है। पनामा पेपर
मामले में सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले के बाद नवाज शरीफ ने इस्तीफा दे
दिया था, जिसके बाद संघीय कैबिनेट भंग कर दी गई थी।
लोकसभा चुनाव 2024: राजस्थान में 1बजे तक 33.73% मतदान दर्ज,यहां देखे 12 सीटों में कितना मतदान हुआ
यूपी में चंद्रशेखर ने ईवीएम खराब होने की शिकायत की, सपा ने भी लगाए कई आरोप
बंगाल के कूचबिहार में तृणमूल-बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प के बाद भड़की हिंसा
Daily Horoscope