इस्लामाबाद। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी के खिलाफ दिसंबर 2013 में तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात और वितरण के 220 अरब रुपये के अनुबंध में उनकी भूमिका की जांच बंद हो चुकी है। राष्ट्रीय जवाबदेय ब्यूरो (एनएबी) ने यह जानकारी दी। एनएबी के प्रवक्ता ने ‘डॉन’ को बताया, पिछले साल 19 दिसंबर को एनएबी के क्षेत्रीय बोर्ड की बैठक में 17 महीने की लंबी जांच बंद हो गई थी, हालांकि यह साबित नहीं हुआ था कि अनुबंध को ‘पारदर्शी ढंग से’ किया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दस्तावेज के अनुसार, कराची एनएबी के महानिदेशक ने कहा कि व्यापक चर्चा के बाद यह तय किया गया कि यह एक परियोजना जारी है और इस समय एनएबी द्वारा कोई भी हस्तक्षेप सार्वजनिक/राष्ट्रीय महत्व की परियोजना के एलएनजी के प्रावधान के प्रयासों को खतरे में डाल देगा। दस्तावेज में कहा गया कि जांच की कार्यवाही के दौरान हालांकि यह पाया गया कि इंटर स्टेट गैस सिस्टम (आईएसजीएस) और सुई साउदर्न गैस कंपनी लिमिटेड (एसएसजीसीएल) के प्रबंधन को गैर-पारदर्शी ढंग से एमएस एंग्रो को कराची तट के एलएनजी टर्मिनल के लिए सफल बोलीदाता के रूप में चयनित किया है।
एनएबी की जांच में पाया गया कि एसएसजीसी ने दैनिक प्रसंस्करण शुल्क पर एलएनजी के दोबारा गैसीकरण करने के लिए एंग्रो की सहायक कंपनी के साथ 15 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। सरकार ने एसएसजीसी के स्थान पर एलएनजी की खरीद के लिए पाकिस्तान स्टेट ऑयल को अधिकृत किया है। पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ ने अब्बासी के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। पूर्व पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक संसाधन मंत्री एनएबी की जांच के एक प्रमुख संदिग्ध थे।
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