सूत्र के मुताबिक जब प्रत्यर्पण की बात आती है तो वे अपनी प्रक्रिया को न
धीमा करना चाहते हैं और न ही तेज करना चाहते हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी
(एनआईए) प्रक्रिया की समय-सीमा और नौकरशाही संबंधी औपचारिकताओं को कम करने
के लिए अपने अमेरिकी समकक्षों से सीधे संपर्क कर सकती है। ये भी पढ़ें - यहां मुस्लिम है देवी मां का पुजारी, मां की अप्रसन्नता पर पानी हो जाता है लाल
अमेरिकी
अधिकारियों के अनुसार राणा का प्रत्यर्पण दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत
करेगा, आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा देगा और भारतीयों के बीच अमेरिका की
छवि को बेहतर बनाएगा। ट्रम्प प्रशासन ने नवंबर 2018 को 26/11 की 10वीं
बरसी पर हमले में शामिल लोगों को न्याय के दायरे में लाने का संकल्प
दोहराया था।
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