भोपाल| मध्य प्रदेश के महाविद्यालयों में प्रायोगिक कक्षाएं नए साल यानि एक जनवरी से शुरु होंगी। यह निर्णय उच्च शिक्षा विभाग की बैठक में लिया गया। कोरोना के संक्रमण के कारण अभी महाविद्यालयों में अध्यापन गतिविधियां बंद हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में आयोजित उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान महाविद्यालयों में एक जनवरी, 2021 से प्रायोगिक कक्षाओं का संचालन करने के निर्देश देते हुए कहा कि कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए 50 प्रतिशत क्षमता के साथ सामाजिक दूरी का पालन करते हुए तीन-तीन दिन के लिये बैच निर्धारित कर कक्षाएं शुरू की जाएं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के हितों एवं भविष्य को ध्यान में रखते हुए आवश्यतानुरूप महाविद्यालयों का युक्ति-युक्तकरण व्यवस्थित ढंग से किया जाए। इसी तरह एकल संकाय वाले महाविद्यालयों का बहुसंकायी महाविद्यालयों में उन्नयन आवश्यकतानुसार किया जाए। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक विद्यार्थियों को महाविद्यालयों में उपलब्ध सीट के अनुसार प्रवेश दिया जाये।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 200 शासकीय महाविद्यालयों का इन्फ्रास्ट्रक्च र विकसित करने की कार्यवाही शुरू की जाये, जिससे विद्यार्थियों को वर्चुअल लनिर्ंग एवं स्मार्ट क्लास-रूम जैसी सुविधाएं मिल सके। 100 से कम विद्यार्थी की संख्या वाले 51 शासकीय महाविद्यालयों को निकटस्थ बड़े महाविद्यालयों में विलय करने पर विचार किया जाएगा।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभागीय गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि 73 प्रतिशत विद्यार्थी शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेशरत हैं। इस वर्ष चार लाख 37 हजार विद्यार्थियों ने स्नातक एवं एक लाख 30 हजार विद्यार्थियों ने स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश लिया है।
--आईएएनएस
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