जैकोबाबाद। पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण व विवाह की शिकार महक कुमारी नाम की हिंदू लडक़ी ने अदालत में पेशी के दौरान साफ शब्दों में कहा कि वे अपने तथाकथित पति के बजाय अपने माता-पिता के साथ वापस घर लौटना चाहेगी। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को अदालत में पेश चिकित्सकीय दस्तावेजों से यह भी साबित हो गया कि महक नाबालिग है और उसकी उम्र 15 से 16 साल के बीच ही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सुनवाई के बाद अदालत ने महक को लरकाना स्थित आश्रयगृह भेजने का आदेश दिया और फैसला सुरक्षित रख लिया। महक, उसका पति अली रजा सोलंगी और महक के माता-पिता अदालत में पेश हुए। अदालत ने महक को सोलंगी और उसके माता-पिता से मिलने के लिए पंद्रह-पंद्रह मिनट का वक्त दिया।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने बयान में महक ने अदालत से कहा कि इससे पहले की पेशी में उसने जो बयान दिया था, वह उसे बदलना चाहती है क्योंकि वह बयान उसने भावुकता में आकर दिया था। वह अपने माता-पिता के पास वापस जाना चाहती है। इससे पहले के बयान में उसने कहा था कि वह सोलंगी के साथ रहना चाहती है।
उसने यह भी कहा था कि उसे न किसी ने अगवा किया है और न ही उसका जबरन धर्मांतरण हुआ है। लेकिन, गुरुवार की सुनवाई के दौरान महक ने साफ कहा कि वह अपने माता-पिता के पास वापस जाना चाहती है। सुनवाई के दौरान मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की गई जिसमें कहा गया कि महक 15 से 16 साल की आयु की है।
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