नई दिल्ली| यहां स्थित
मालदीव दूतावास ने इसका खंडन किया कि मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला
यामीन ने मालदीव में चल रहे राजनीतिक संकट का विवरण देने के लिए भारत को
नजरअंदाज कर 'मित्र राष्ट्रों' चीन, पाकिस्तान और सऊदी अरब में एक प्रतिनिधि
भेजा था। दूतावास ने एक बयान जारी करते हुए कहा, "भारतीय मीडिया का एक
धड़ा ऐसी खबरें दिखा रहा है कि मालदीव के राष्ट्रपति के विशेष प्रतिनिधि ने
भारत को नजरंदाज किया। यह सच से बहुत दूर है। राष्ट्रपति के विशेष
प्रतिनिधि को सबसे पहले भारत आना था।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बयान के अनुसार, "मालदीव के
विदेश मंत्री मोहम्मद आसिम को राष्ट्रपति के विशेष प्रतिनिधि के रूप में आठ
फरवरी को भारत आना था लेकिन भारत सरकार के आग्रह पर यह दौरा रद्द कर दिया
गया।" गुरुवार को जारी हुए बयान के अनुसार, "माले को बताया गया था कि इस
तिथि पर भारतीय प्रतिनिधि उनसे मिलने में असमर्थ हैं। मालदीव सरकार द्वारा
भारत को नजरंदाज करने की बात करना अत्यंत भ्रामक है।"
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