संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष से संबंधित दो प्रस्तावों को पारित किया। इनमें इजरायल से कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों और सीरियाई गोलान से हट जाने को कहा और मध्य पूर्व में स्थायी शांति के लिए दो-राज्य समाधान को एकमात्र रास्ता बताया गया।
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समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, प्रस्ताव के पक्ष में 157, विपक्ष में 8 तथा सात मतों के बहिष्कार से पारित प्रस्ताव में महासभा ने मांग की कि इजरायल बस्तियां बसाने की सभी गतिविधियां बंद करे तथा कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में बसने के लिए आए लोगों को वहां से निकाले।
दस्तावेज में 'अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार, इजरायल और फिलिस्तीन के दो-राज्य समाधान के लिए अटूट समर्थन' व्यक्त किया गया।
सभा ने एक अन्य प्रस्ताव भी पारित किया जिसमें घोषणा की गई कि इजरायल 1981 के सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 497 का अनुपालन करने में नाकाम रहा और कब्जे वाले सीरियाई गोलान पर उसका अधिकार क्षेत्र शून्य और अमान्य है।
प्रस्ताव में इजरायल से सीरिया के कब्जे वाले गोलान से पूरी तरह हटने को कहा गया।
यूएनजीए के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने बैठक में कहा, "बल प्रयोग या कब्जे से शांति और सुरक्षा कभी हासिल नहीं की जा सकती।" उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व में स्थायी शांति के लिए दो-राज्य समाधान ही एकमात्र रास्ता है।
गाजा में तत्काल युद्ध विराम और सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई का आह्वान करते हुए यांग ने कहा कि अब समय आ गया है कि सभी लोग "एक बार और हमेशा के लिए कटुता को समाप्त कर दें।"
--आईएएनएस
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