तेहरान। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने कहा कि उनका देश अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ तब तक बातचीत नहीं करेगा जब तक कि अमेरिका विवादित परमाणु समझौते के तहत ईरान की प्रतिबद्धताओं का सम्मान करते हुए 'उसके प्रति सम्मान नहीं दर्शाता।' ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जरीफ ने मंगलवार को सीएनएन के साथ एक विशेष साक्षात्कार में चेतावनी दी कि क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ाकर अमेरिका 'बहुत, बहुत खतरनाक खेल' खेल रहा था। जरीफ की यह टिप्पणी रविवार को ट्रंप के उन ट्वीट्स के बाद सामने आई है जिसमें उन्होंने ईरान से अमेरिका को 'कभी भी धमकी नहीं देने' के लिए कहा था और चेतावनी दी थी कि अगर वह लड़ाई चाहता है, तो यह इस्लामिक राष्ट्र का 'आधिकारिक अंत' होगा।
मंत्री ने कहा, "ईरान कभी भी जबरदस्ती नहीं करता है। आप किसी भी ईरानी को धमकी नहीं दे सकते हैं और उनसे जुड़ने की उम्मीद नहीं कर सकते। ऐसा करने का तरीका सम्मान के जरिए है, धमकी से नहीं।"जरीफ ने कहा कि इसका परिणाम दर्दनाक होगा लेकिन ईरान को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।
उन्होंने ईरान के विरुद्ध अमेरिका द्वारा छेड़े गए 'आर्थिक युद्ध' को फौरन खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रतिबंध 'नागरिकों को उनकी आजीविका के साधन से वंचित' कर रहे।
जरीफ ने कहा, "हम बस इतना ही करना चाहते हैं कि हमारा तेल बिक जाए।" उन्होंने कहा कि अमेरिका लोगों को धमकाकर हमारा तेल खरीदने से रोक रहा है। जरीफ ने खाड़ी में अमेरिका द्वारा युद्धपोतों को भेजने की भी आलोचना की।
(आईएएनएस)
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