नई दिल्ली। जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के मामले में ईरान ने सभी अमेरिकी बलों को आतंकवादी घोषित कर दिया है। मंगलवार को देश की संसद ने अमेरिकी सेना और पेंटागन को आतंकी संगठन घोषित करने के पक्ष में मतदान किया। सांसदों ने सुलेमानी की हत्या के विरोध में यह प्रस्ताव पास किया। उन्होंने सुलेमानी की हत्या का बदला लेने और अमेरिका-इजरायल को सबक सिखाने का संकल्प भी लिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सांसदों ने पांच जनवरी को संसद में अमेरिका की मौत के नारे लगाए थे। सोमवार को तेहरान में सुलेमानी की अंतिम यात्रा के दौरान लोगों का हुजूम सडक़ों पर उतरा। हाथों में प्लेकार्ड लेकर पहुंचे लोगों ने जमकर नारेबाजी की। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी अमेरिकी फौजों को आतंकी घोषित किया। रूहानी ने कहा कि जो लोग बार-बार 52 नंबर याद दिलाते हैं, उन्हें 290 नंबर भी याद रखना चाहिए।
किसी को भी अमेरिका को धमकी नहीं देनी चाहिए। आपको बता दें कि वर्ष 1979 में ईरानी प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी दूतावास पर हमला कर 52 राजनयिकों को बंदी बना लिया था। उन्हें 444 दिन तक जेलों में रखा गया था। ट्रंप ने हाल ही ईरान के 52 ठिकानों को निशाना बनाए जाने का जिक्र किया था। बाद में अमेरिका ने 1988 में ईरान एयरलाइंस के नागरिक विमान को निशाना बनाया था। इसमें 290 लोगों की मौत हुई थी।
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