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ईरान : तेहरान में इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी में एक छात्रा ने अपने कपड़े उतारकर हिजाब की मुखालफत की

Iran: A student at Islamic Azad University in Tehran took off her clothes and protested against the dress code - World News in Hindi

तेहरान। ईरान में महिलाओं के अधिकारों पर सरकार के सख्त नियम और हिजाब जैसे इस्लामी ड्रेस कोड को लेकर फिर से विरोध के स्वर उठने लगे हैं। हाल ही में एक घटना ने इस आंदोलन को नई दिशा दी है। तेहरान की इस्लामिक आज़ाद यूनिवर्सिटी के साइंस और रिसर्च ब्रांच में एक छात्रा ने अपने कपड़े उतारकर ड्रेस कोड के खिलाफ विरोध किया, जिसके बाद उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना का वीडियो वायरल हो चुका है और इसे वैश्विक मीडिया में भी व्यापक कवरेज मिल रही है। विरोध की पृष्ठभूमि : हिजाब और ईरानी महिलाओं की आज़ादी
ईरान में 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य है। इस कानून के खिलाफ कई आंदोलनों के बावजूद, सरकार ने इसे हटाने से इनकार कर दिया है। हालिया घटना ने एक बार फिर से महिलाओं के लिए जबरन लागू किए गए इस नियम को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। ईरानी पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने इस घटना को ईरानी महिलाओं की आजादी की लड़ाई का प्रतीक करार दिया, और कहा कि महिलाएं अपने शरीर को अब इस पाबंदी के खिलाफ एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही हैं।
घटना का विवरण: तेहरान की छात्रा का साहसिक विरोध
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छात्रा ने अपने कपड़े उतार कर हिजाब के खिलाफ विरोध दर्ज कराया, जिसके बाद यूनिवर्सिटी की सुरक्षा ने उसे हिरासत में ले लिया और कानून प्रवर्तन को सौंप दिया। घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए विश्वविद्यालय के जनसंपर्क प्रमुख आमिर महजौब ने कहा कि यह घटना मानसिक तनाव का परिणाम हो सकती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि परिसर की सुरक्षा ने छात्रा के साथ कोई गलत व्यवहार नहीं किया, हालांकि मानवाधिकार संगठनों और सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं में इसका खंडन किया जा रहा है।
मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद, एमनेस्टी ईरान जैसे मानवाधिकार संगठन ने छात्रा की तत्काल रिहाई की मांग की है। एमनेस्टी का कहना है कि ईरानी सरकार को छात्रा को बिना शर्त रिहा करना चाहिए और हिजाब जैसे अनिवार्य नियमों के खिलाफ विरोध को मानवीय अधिकार मानते हुए स्वीकार करना चाहिए।
महसा अमिनी की मौत और आंदोलन की आग
इस घटना ने महसा अमिनी के मामले की यादें फिर से ताजा कर दी हैं। 22 वर्षीय महसा अमिनी की मोरैलिटी पुलिस की हिरासत में मौत ने 2022 में पूरे ईरान में आंदोलन की आग भड़का दी थी। अमिनी को भी हिजाब पहनने के नियम का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हिरासत में पुलिस की बर्बरता के कारण उसकी मौत हुई थी, हालांकि सरकार ने इसे दिल का दौरा बताया था। इस घटना के बाद महिलाओं और युवा वर्ग ने ड्रेस कोड के खिलाफ प्रदर्शन किए, जिन्हें सरकार ने कठोरता से दबाया।
विरोध का बदलता स्वरूप
ईरान में महिलाओं का यह प्रतिरोध केवल हिजाब के खिलाफ नहीं, बल्कि एक संपूर्ण पितृसत्तात्मक व्यवस्था के खिलाफ है जो उनके मौलिक अधिकारों को सीमित करती है। यूनिवर्सिटी में छात्रा का साहसिक कदम न केवल ईरान में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की स्वतंत्रता और अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक बन चुका है। इस तरह की घटनाएं दिखाती हैं कि ईरान में महिलाओं की आजादी के लिए संघर्ष अभी भी जारी है, और यह आंदोलन किसी भी बाहरी दबाव या धमकी से रुकने वाला नहीं है।

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Web Title-Iran: A student at Islamic Azad University in Tehran took off her clothes and protested against the dress code
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