संयुक्त राष्ट्र। कतर में अमेरिका और तालिबान के बीच नए दौर की बातचीत शुरू होने वाली है। भारत ने आतंकी समूह के साथ जल्दबाजी में बातचीत को लेकर चेताया है जो अफगानिस्तान के श्रेष्ठ हितों के बजाय वाशिंगटन की समयसीमा को समर्पित है। सुरक्षा परिषद में बुधवार को भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह को खत्म करना शांति समझौते को आगे बढ़ाने की एक पूर्व शर्त है।
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अफगानिस्तान के गृहयुद्ध को समाप्त करने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का स्वागत करते हुए, उन्होंने कहा, हम देख रहे हैं कि कोई घटनाक्रम की तात्कालिकता के साथ आगे बढ़ रहा है, लेकिन यह शायद अफगानिस्तान के लोगों की जरूरत के हिसाब से नहीं है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि आतंकवादी संगठनों को उस मजबूत स्थिति से वार्ता करने की इजाजत नहीं दी जा सकती, जो पाकिस्तान द्वारा उन्हें मुहैया कराए गए पनाहगाहों से मिलती है।
अकबरुद्दीन ने हालांकि अमेरिका या पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्हें दिया गया उनका संदेश स्पष्ट था। उन्होंने कहा, हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि जो समूह सीमापार से हिसा और आतंकी गतिविधि के लिए समर्थन और सुरक्षित पनाहगाह प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें फायदेमंद जगह से बातचीत की इजाजत दी जाए।
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