नई दिल्ली। चीन की सैन्य व आर्थिक शक्ति के तौर पर उभरने के बीच भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया रविवार को एक स्वतंत्र, मुक्त, समृद्ध व समावेशी भारत-प्रशांत के लिए काम करने वाले दीर्घकालिक वैश्विक हित वाले उभरते चार लोकतंत्रों को गति देने पर सहमत हुए। यह चतुष्पक्षीय लोकतांत्रिक गठजोड़ की पहली वार्ता रही, जिसमें आतंकवाद रोधी सहयोग पर भी चर्चा की गई। विदेश मंत्रालय ने यहां जारी एक बयान में कहा, भारत, आस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के विदेश मामलों के अधिकारी 12 नवंबर को भारत-प्रशांत क्षेत्र में साझा हित के मुद्दों पर संवाद के लिए मनीला में मिले। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बयान में कहा गया है, इनके बीच की चर्चाएं आपसी और अन्य भागीदारों के साथ साझा किए जाने वाले बढ़ते संपर्क क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने पर केंद्रित थीं। बयान के अनुसार, इनके बीच सहमति बनी कि एक स्वतंत्र, खुला, समृद्ध और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र सभी देशों और बड़े पैमाने पर दुनिया के दीर्घकालिक हितों के लिए कार्य कर सकता है। अधिकारियों ने आतंकवाद की साझा चुनौतियों और संबंधों के प्रसार को लेकर भी विचार-विमर्श किया।
इसके अलावा भारतीय अधिकारियों ने इस क्षेत्र में अपने कार्यो की बुनियाद के रूप में भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी (पूर्व की ओर देखो) पर प्रकाश डाला। चारों देश अपने चतुष्पक्षीय संवाद को पुनजीर्वित करने के लिए कार्य कर रहे हैं। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रविवार को मनीला पहुंचने पर हुई। प्रधानमंत्री मोदी फिलीपींस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। वह इस यात्रा के दौरान मंगलवार को भारत-आसियान शिखर सम्मेलन और पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
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