प्रभु ने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर और उसका विविधीकरण
कर व्यापार घाटा के मुद्दे को सुलझाने पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने यह भी
कहा कि भारत ने अमेरिका को आम और अनार के निर्यात की प्रक्रिया को आसान
बनाने की मांग की है। प्रभु ने रॉस के हवाले से कहा कि भारत से आयात घटाना
व्यापार घाटा कम करने का कोई विकल्प नहीं है। प्रभु ने कहा, वाणिज्य मंत्री
ने स्पष्ट किया कि व्यापार घाटा एक मुद्दा है, लेकिन भारत से आयात घटाकर
नहीं, बल्कि अमेरिका से भारत को अधिक निर्यात को बढ़ावा देकर, जो कि
स्पष्टतौर पर एक बहुत ही सकारात्मक और अत्यंत दूरदर्शी विचार है, जिसका हम
स्वागत करते हैं। ये भी पढ़ें - आस्था या अंधविश्वास! मात्र 11 रुपए में धुलते है ‘पाप’
उन्होंने कहा कि भारत आगामी वर्षो में अमेरिका से
अधिक आयात करने की स्थिति में होगा। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली ने वाशिंगटन
से कच्चा तेल खरीदना शुरू कर दिया है और भारत में तेजी से बढ़ रहे उड्डयन
बाजार में अमेरिका के लिए काफी संभावनाएं हैं। प्रभु अपने दौरे के अंत में
क्यूबा रवाना हो गए, जहां वह हवाना में 28-31 अक्टूबर तक रहेंगे, और
द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ावा देने के लिए बातचीत करेंगे।
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