इस्लामाबाद। दुनिया भर में कश्मीर के मसले पर मानवाधिकार की दुहाई देने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश में विपक्ष के प्रदर्शन को सेना के जरिए कुचलने की कोशिश में हैं। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक इमरान सरकार राजधानी इस्लामाबाद में विपक्ष के मार्च को रोकने के लिए सेना को बुला सकती है। विपक्षी दलों ने इमरान खान पर चुनावों में धांधली कर सत्ता में आने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पाकिस्तान में इमरान सरकार विपक्षी जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के इस्लामाबाद में 31 अक्टूबर को प्रस्तावित आजादी मार्च व धरने को नाकाम बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। यह तय किया गया है कि मार्च में शामिल लोगों को अगर कोई तंबू-कनात, कैटिरंग सुविधा, साउंड सिस्टम, होटल का कमरा, गेस्टहाउस आदि देगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि संघीय पुलिस के इस आदेश से कारोबारियों में नाराजगी की लहर दौड़ गई है। उनका कहना है कि एक तो वैसे ही कारोबार ठप पड़ा हुआ है, उस पर इस तरह के फरमान रही-सही कसर भी निकाल देंगे।
जेयूआई-एफ के नेता मौलाना फजलुर रहमान ने इमराननीत सरकार को हटाने की मांग के साथ मार्च निकालने का ऐलान किया है। पार्टी का कहना है कि यह सरकार चुनावी धांधली की बदौलत सत्ता में आई है। पाकिस्तान के सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने इस मार्च का समर्थन किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक तरफ मार्च से निपटने के लिए सेना की सेवाएं लेने पर विचार हो रहा है, दूसरी तरफ पुलिस ने इसे नाकाम बनाने के लिए 'अजीब तरह के आदेश' जारी किए हैं। प्रदर्शनकारियों को टेंट, कैटरिंग, होटल, मोटल, गेस्ट हाउस, जेनरेटर, हार्डवेयर स्टोर, वेल्डिंग वर्कशाप, साउंड सिस्टम और क्रेन की सेवाएं देने वालों के खिलाफ कड़ी पुलिस कार्रवाई की धमकी दी गई है।
इस सिलसिले में पुलिस की तरफ से लिखित आदेश जारी कर कहा गया है कि जो कोई प्रदर्शनकारियों को इन सब चीजों को उपलब्ध कराएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस्लामाबाद के कारोबारियों ने पुलिस की इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। कारोबारियों की संस्था आल पाकिस्तान अंजुमन-ए-ताजिरान ने कहा है कि सरकार को गलत फैसले देने वाले इसके शुभचिंतक नहीं हैं। कानून के तहत, कोई भी किसी व्यापारी को कारोबार करने से नहीं रोक सकता। संगठन ने इस संबंध में जारी आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
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