कराची। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान और अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के बीच विवाद गहरा गया है। मामला यह है कि अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो को इमरान खान के बीच हुए बातचीत से जुडा हुआ है। पाकिस्तान ने इमरान खान की फोन कॉल के बाद जारी अमेरिका के बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत करार दिया है। इसके बाद उन्होंने संशोधन कराने की मांग की है। वहीं दूसरी ओर अमेरिका के विदेश विभाग भी अपने बयान पर कायम नजर आ रहा है। यह विवाद अमेरिकी विदेश मंत्री पॉम्पियो की सितंबर के पहले सप्ताह की पाकिस्तान की प्रस्तावित यात्रा से ठीक से पहले सामने आया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पॉम्पियो नए प्रधानमंत्री इमरान खान से मिलने पाकिस्तान जाने वाले हैं। इससे पहले पॉम्पियो की तरफ से इमरान को किए फोन कॉल के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया था कि विदेश मंत्री ने इमरान को प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी। इसके साथ ही इमरान खान से पाकिस्तान में सक्रिय सभी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अमेरिकी अधिकारी नियमित तौर पर पाकिस्तान की पनाहगाह में काम कर रहे तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों का मुद्दा लगातार उठाते रहते हैं।
पाकिस्तान की जमीन का उपयेाग करके आतंकी संगठन अमेरिकी और अफगान जवानों लगातार हमला किया जा रहा है। पाकिस्तान हमेशा की तरह अमेरिका के आरोपों को सिरे से खारिज कर देता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इमरान और पॉम्पियो के बीच हुई फोन वार्ता में आतंकवाद का विषय रहा ही नहीं, गलत तथ्य पेश कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि इसमें तुरंत सुधार कर देना चाहिए। इस पर अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट ने कहा है कि केवल इतना ही कहूंगी कि हम अपने बयान पर कायम हैं। उल्लेख है कि पॉम्पियो संभवत: 5 सितंबर को इस्लामाबाद पहुंने वाले हैं। वे इमरान खान के शपथ ग्रहण के बाद पहले विदेशी मेहमान होंगे।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा की 98 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त
चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी का संदेश, यहां पढ़ें
सांसद रवि किशन पर आरोप लगाने वाली महिला पर एफआईआर
Daily Horoscope