इस्लामाबाद। एक आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के भतीजे हसन नियाजी को अग्रिम जमानत दे दी, जो पिछले सप्ताह पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी (पीआईसी) में वकीलों द्वारा किए हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के कारण पुलिस द्वारा वांछित थे। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार नियाजी जो एक वकील हैं ने पिछले कुछ दिनों में पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार करने में असमर्थ होने के बाद अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। अदालत ने पुलिस को प्रधानमंत्री के भतीजे को गिरफ्तार करने से रोक दिया और नियाजी को जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करने का आदेश दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
11 दिसंबर को डॉक्टरों के साथ विवाद के बाद बड़ी संख्या में वकीलों ने पीआईसी में तोडफ़ोड़ करते हुए संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिस वाहन में आग लगा दी। इस दौरान तीन मरीजों की मौत हो गई थी। टीवी चैनलों ने अस्पताल में नियाजी को मौजूद और पुलिस वाहन में आगजनी को देखते हुए दिखाया।
नियाजी को गिरफ्तार करने के लिए छापे मारे गए। हालांकि लाहौर दंगों के 10 दिन बाद भी पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में नाकाम रही। इमरान खान ने अपने भतीजे पर टिप्पणी नहीं की, लेकिन दंगे की जांच के आदेश दिए थे। बाद में पीआईसी हमले में भाग लेने वाले कई वकीलों को गिरफ्तार किया गया था।
(आईएएनएस)
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