डबलिन। आयरलैंड में अबॉर्शन (गर्भपात) के खिलाफ दुनिया भर में सबसे सख्त कानून हैं, लेकिन शनिवार को इसके खिलाफ आए जनमत संग्रह के नतीजों ने भारत की एक बेटी के घरवालों को भी जश्न मनाने का मौका दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आयरलैंड में गर्भपात पर प्रतिबंध हटाने के लिए हुए जनमत संग्रह में 66.4 प्रतिशत लोगों ने इसका समर्थन किया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, आयरलैंड में महिला की जान को खतरा होने की स्थिति में ही अभी गर्भपात की इजाजत है और बलात्कार के मामलों में यह नहीं है।
सविता का संघर्ष, फिर भी नहीं मिली इजाजत
कर्नाटक के बेलगावी में सविता हलप्पनवार के परिवार वाले जनमत संग्रह के नतीजे से काफी खुश हैं। भारतीय डेंटिस्ट सविता हलप्पनवार की 2012 में गर्भपात की इजाजत नहीं मिलने पर आयरलैंड के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल गालवे में मौत हो गई थी। बार-बार अबॉर्शन की मांग के बावजूद उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली थी।
उनकी मौत ने आयरलैंड में गर्भपात पर छेड़ दी थी नई चर्चा
सेप्टिक मिसकैरेज (गर्भावस्था के दौरान संक्रमण) की वजह से उनकी मौत हो गई थी। उनकी मौत ने आयरलैंड में गर्भपात पर नई चर्चा छेड़ दी। सविता के पिता आनंदप्पा यालगी ने कर्नाटक के बेलगावी स्थित अपने घर से कहा कि उन्हें आशा है कि आयरलैंड के लोग उनकी बेटी को याद रखेंगे।
सविता लॉ हो नए कानून का नाम
सविता के पिता ने कहा, मैं इस खबर से बहुत-बहुत खुश हूं। हमारी एक आखिरी इच्छा है कि इस नए कानून का नाम उनकी बेटी के नाम पर रखते हुए इसे सविता लॉ कर दिया जाए। यह उनके नाम पर होना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं आयरलैंड के अपने भाइयों और बहनों को यस वोट करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। यह बहुत अहम है। आयरलैंड की बहुत सी महिलाओं ने इसके लिए संघर्ष किया है।
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