लाहौर। मुंबई पर हुए जघन्य आतंकी हमले के आरोपी व विश्व स्तर पर बदनाम आतंकवादी हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक अदालत द्वारा दी गई महज साढ़े पांच साल कैद की सजा भी पाकिस्तान के धार्मिक नेताओं को रास नहीं आई है। उन्होंने इसे अफसोसनाक बताते हुए कहा है कि इससे देश का सिर शर्म से झुक गया है। 'जंग' की रिपोर्ट के मुताबिक, जमाते इस्लामी पाकिस्तान के प्रमुख व सीनेटर सिराजुल हक समेत कई धार्मिक नेताओं ने अपने बयान में सईद को दी गई सजा का विरोध किया है। इन नेताओं ने इस आतंकवादी को 'कश्मीरियों के हक में आवाज बुलंद करने वाला' बताया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पाकिस्तान की अदालत ने आतंक वित्तपोषण के दो मामलों में जमात उद दावा सरगना सईद को साढ़े पांच-साढ़े पांच साल कैद की सजा सुनाई है (जो साथ-साथ चलेगी) लेकिन इन धार्मिक नेताओं का मानना है कि सईद और उसकी संस्था के खिलाफ 'कोई आरोप आजतक साबित नहीं हुआ है। उसे सजा देने से देश का सिर शर्म से झुक गया है।'
इन नेताओं ने अपने बयान में कहा है कि 'भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करने के लिए हुकूमत द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का समर्थन नहीं किया जा सकता। अंतर्राष्ट्रीय दबावों की वजह से लिए जाने वाले ऐसे फैसलों से कौमों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है।'
सीनेटर सिराजुल हक ने कहा, "सरकार ने चंद टकों के लिए एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) के दबाव में आकर हाफिज सईद को अदालतों के जरिए सजा सुनाकर न सिर्फ पाकिस्तानियों का दिल दुखाया है बल्कि कश्मीरियों का भी दिल दुखाया है। हम सईद और उसकी संस्था के साथ हैं।"
--आईएएनएस
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