लाहौर। प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उद दावा (जेयूडी) के सरगना हाफिज सईद को सोमवार को लाहौर हाईकोर्ट से उस वक्त झटका लगा जब अदालत ने उस पर लगाए गए आतंक वित्तपोषण के आरोप के खिलाफ उसकी याचिका खारिज कर दी। उसके साथ एक अन्य दुर्दांत आतंकी अब्दुल रहमान मक्की की याचिका भी खारिज की गई है। द नेशन की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। आतंकी सईद भारत के साथ-साथ अमेरिका के लिए भी वांछित है। सईद और उसके 13 सहयोगियों ने इस साल 3 जुलाई को उनके खिलाफ आतंक वित्तपोषण मामले में दर्ज प्राथमिकी से अपना नाम निकालने के लिए यह याचिका दायर की थी।
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सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने अदालत से कहा "उनके पास जेयूडी सदस्यों के खिलाफ आतंकवादरोधी अधिनियम 1997 के तहत दर्ज आतंक वित्तपोषण व धनशोधन मामले में पर्याप्त सबूत हैं।"
आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने पंजाब प्रांत के 5 शहरों में मामले दर्ज कराए थे। इसमें कई गैर लाभकारी संगठनों की मदद से धन जमाकर उसका इस्तेमाल आतंक वित्तपोषण के लिए करने का आरोप जेयूडी पर लगाया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया "पाकिस्तान ने फाइनेंशियल टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा आतंकवाद वित्तपोषण के खिलाफ दी गई कार्ययोजना पर अमल के लिए एक सेल गठित किया है।" इस सिलसिले में राष्ट्रीय कार्य योजना को लागू करने की दिशा में पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने प्रतिबंधित संगठनों जेयूडी, लश्करे तैयबा और फलाह-ए-इंसानियत के सौ से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया है या हिरासत में लिया है।
(आईएएनएस)
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