न्यूयॉर्क। विख्यात लेखक सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला करने के दोषी हादी मटर को शुक्रवार को 25 साल की कठोर कैद की सजा सुनाई गई। यह फैसला न्यूयॉर्क की चौटाउक्वा काउंटी कोर्ट ने सुनाया, जहां इस घटना की सुनवाई पिछले कई महीनों से चल रही थी।
मटर को 2022 में पश्चिमी न्यूयॉर्क में एक साहित्यिक कार्यक्रम के दौरान हुए हमले के लिए दूसरे दर्जे की हत्या के प्रयास का दोषी पाया गया था। इस हमले में रुश्दी को 15 बार चाकू घोंपा गया, जिससे उनकी दाहिनी आंख की रोशनी चली गई और वे आंतरिक रूप से गंभीर रूप से घायल हो गए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अदालत में रुश्दी की गवाही: "मैं बहुत खून बहा रहा था, मुझे लगा मैं मर रहा हूं"77 वर्षीय सलमान रुश्दी, जिन्हें कभी 1988 के विवादास्पद उपन्यास The Satanic Verses के कारण ईरान में मौत का फतवा झेलना पड़ा था, ने अदालत में अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा-"मुझे लगा कि मेरे शरीर से बहुत खून बह रहा है। समय का अंदाजा नहीं हो रहा था। मेरी आंख और हाथ में तेज़ दर्द हो रहा था। मुझे साफ महसूस हुआ – मैं मर रहा हूं।"
इस हमले में रुश्दी को सिर, गर्दन, धड़ और हाथ पर वार झेलने पड़े थे। उनके लीवर और आंतें भी क्षतिग्रस्त हो गई थीं। हमले के बाद उनकी हालत गंभीर थी और उन्हें हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया था।
हादी मटर ने कहा : "मैं रुश्दी के विचारों से सहमत नहीं था" 27 वर्षीय हादी मटर, जो न्यू जर्सी का निवासी है, ने हमले के पीछे अपनी विचारधारा को आधार बताया। उसने अदालत में बयान देते हुए कहा : "सलमान रुश्दी लोगों का अपमान करना चाहते हैं, वह बदमाश बनना चाहते हैं, लोगों को डराना चाहते हैं। मैं इससे सहमत नहीं हूं।"
मटर को रुश्दी के साथ मंच पर मौजूद मॉडरेटर राल्फ हेनरी रीज़ को घायल करने के लिए भी 7 साल की अतिरिक्त सजा सुनाई गई, जो मुख्य सजा के साथ समानांतर रूप से चलेगी।
अभियोजन पक्ष की दलील : "यह हमला सिर्फ रुश्दी पर नहीं था, पूरे समुदाय पर था"चौटाउक्वा काउंटी के जिला अटॉर्नी जेसन श्मिट ने अदालत को बताया कि मटर का इरादा केवल सलमान रुश्दी को नहीं, बल्कि वहां मौजूद पूरे समुदाय को नुकसान पहुंचाने का था:
"उसने यह हमला इस तरह योजनाबद्ध किया कि वहां मौजूद 1,400 लोगों को अधिकतम नुकसान हो। उसने खुद ही अपने लिए यह अधिकतम सजा चुनी।"
प्रेरणा : 2006 में हिज़्बुल्लाह नेता का भाषण
फेडरल अभियोग के अनुसार, हादी मटर की इस हमले की प्रेरणा 2006 में हिज़्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह के एक भाषण से आई थी। उस भाषण में नसरल्लाह ने रुश्दी के खिलाफ ईरानी फतवे को समर्थन दिया था, जो 1989 में उनके उपन्यास The Satanic Verses को लेकर जारी किया गया था।
यह फतवा ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता आयतुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी ने जारी किया था, जिसमें रुश्दी की हत्या की अपील की गई थी। इस आदेश के बाद सलमान रुश्दी वर्षों तक छिपकर जीवन बिताने को मजबूर हो गए थे।
किताब के कुछ ही पन्ने पढ़े थे मटर ने
जांच के दौरान मटर ने बताया कि उसने "सिर्फ कुछ पन्ने" ही पढ़े थे The Satanic Verses के। हालांकि उसने हमले को पूर्व-नियोजित बताया और कहा कि वह रुश्दी के विचारों से आहत था।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यह मामला दुनिया भर में सुर्खियों में रहा है। भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और ईरान सहित कई देशों में इस हमले की तीव्र निंदा हुई थी। इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना गया। मानवाधिकार संगठनों और साहित्यिक मंचों ने इसे एक भयावह संकेत करार दिया कि असहमति और विचार की स्वतंत्रता आज भी कितनी असुरक्षित है।
रुश्दी ने अपने अनुभव पर लिखा संस्मरण
हमले के बाद रुश्दी ने अपने अनुभवों को एक संस्मरण में दर्ज किया, जिसका नाम है –"Knife: Meditation After an Attempted Murder" इस पुस्तक में उन्होंने हमले की हर परत को खोला और बताया कि कैसे उन्होंने मृत्यु को छूकर फिर से जीवन को अपनाया। उन्होंने लिखा:
"जब मौत मेरे सबसे करीब थी, तब मैंने जाना कि जीवन के सबसे छोटे पलों में भी कितनी बड़ी ताकत छिपी होती है।"
सलमान रुश्दी पर हुआ हमला एक लेखक पर नहीं, बल्कि विचार, स्वतंत्रता और खुले संवाद पर हुआ हमला था। हादी मटर को दी गई 25 साल की सजा न्याय की एक झलक जरूर देती है, लेकिन यह दुनिया भर में कट्टरपंथ के खतरों पर एक गंभीर चेतावनी भी है। आज, जब दुनिया अभिव्यक्ति की आज़ादी और धर्मनिरपेक्ष सोच के लिए संघर्ष कर रही है, तब यह मामला आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाता रहेगा कि कलम की ताकत को कुचलने की कोशिश, विचारों को और तेज़ बनाती है।
स्रोत : द गार्जियन
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