ढाका| बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शुक्रवार को अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत किया। मोदी बांग्लादेश के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हसीना ने राजधानी के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के वीवीआईपी टर्मिनल पर पूर्वाह्न 11 बजे मोदी की अगवानी की।
भारतीय प्रधानमंत्री को हवाईअड्डे पर बांग्लादेश सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों द्वारा गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
हवाईअड्डे पर कई मंत्री, राज्य मंत्री और उच्च पदस्थ सिविल और सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
हवाईअड्डे से, पीएम मोदी सवर में स्थित राष्ट्रीय स्मारक गए जहां उन्होंने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के पीड़ितों को देश के 50वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में श्रद्धांजलि अर्पित की।
सवर से, वह बंगबंधु मेमोरियल संग्रहालय जाएंगे और राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान के चित्र पर माल्यार्पण करेंगे।
विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमन दोपहर 3.30 बजे पैन पैसिफिक सोनारगांव होटल के प्रेसिडेंशियल सुइट में मोदी से मुलाकात करेंगे।
मोदी इसके बाद गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में नेशनल परेड ग्राउंड में जश्न के कार्यक्रमों में शामिल होंगे जहां उन्हें भाषण देना है।
हसीना इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगी जबकि राष्ट्रपति एमडी अब्दुल हामिद मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे।
बांग्लादेश के जनक के पारिवारिक सदस्य भी इस अवसर पर बोलेंगे।
परेड ग्राउंड कार्यक्रम के बाद, दोनों प्रधानमंत्री बंगबंधु इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (बीआईसीसी) में बंगबंधु-बापू प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे, जो दो महान नेताओं के जीवन और विरासत को प्रदर्शित करेगा।
शनिवार को, मोदी देवी काली को समर्पित जशोरेश्वरी मंदिर, सतखिरांड में श्यामनगर के लिए ढाका से रवाना होंगे।
मोदी इसके बाद बंगबंधु समाधि परिसर में राष्ट्र के जनक को श्रद्धांजलि देने के लिए गोपालगंज के तुंगीपारा जाएंगे।
वहां उनके द्वारा एक पौधा लगाने और आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर करना निर्धारित है।
बंगबंधु समाधि परिसर की अपनी यात्रा के बाद, मोदी ओरकंडी ठाकुरबारी पहुंचेंगे और मतुआ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे।
मोदी मतुआ समुदाय के संस्थापक हरिचंद ठाकुर (1812-1878) को श्रद्धांजलि देंगे।
ओरकंडी बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल में रहने वाले मतुआ समुदाय के पांच करोड़ से अधिक लोगों के लिए सबसे पवित्र स्थान है।
गोपालगंज से लौटने पर, भारतीय प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय में पहुंचेंगे और वार्ता करेंगे, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक होगी।
दोनों प्रधान मंत्री वर्चुअल रूप से विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।
--आईएएनएस
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