सैन फ्रांसिस्को । तकनीकी दिग्गज गूगल ने कहा है कि उसने नफरत फैलाने वाले भाषण से जुड़े कई शब्दों को यूट्यूब वीडियो पर विज्ञापन कीवर्ड के रूप में इस्तेमाल करने से रोक दिया है। द वर्ज के अनुसार, यह कदम द मार्कअप की एक रिपोर्ट का अनुसरण करता है, जिसमें पाया गया कि विज्ञापनदाता यूट्यूब पर विज्ञापन देने के स्थान पर व्हाइट लाइफ मैटर और व्हाइट पावर जैसे शब्दों को सर्च कर सकते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उसी समय, रिपोर्ट में पाया गया कि गूगल विज्ञापनदाताओं को ब्लैक लाइव्स मैटर जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने से रोक रहा है।
द मार्कअप जब कमेंट करने के लिए यूट्यूब की मूल कंपनी गूगल के पास पहुंचा तो, उसने कहा कि कंपनी ने वास्तव में ब्लैक एक्सीलेंस और नागरिक अधिकारों सहित अधिक नस्लीय और सामाजिक न्याय से जुड़ी चीजों को अवरुद्ध कर दिया है।
द वर्ज ने गूगल के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा, "हम नफरत और उत्पीड़न के मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेते हैं इसकी सबसे मजबूत शब्दों में निंदा करते हैं।"
उन्होंने कहा, "हालांकि यूट्यूब पर कोई भी विज्ञापन इस कंटेंट के खिलाफ नहीं चला, क्योंकि हमारी बहुस्तरीय प्रवर्तन रणनीति ने इस जांच के दौरान काम किया, हम पूरी तरह से स्वीकार करते हैं कि पहचाने गए शब्द आक्रामक और हानिकारक हैं और उन्हें सर्च नहीं किया जाना चाहिए। हमारी टीमों ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है और हमारी प्रवर्तन नीतियों का उल्लंघन करने वाले शब्दों को अवरुद्ध किया है। हम इस संबंध में आगे भी सतर्क रहेंगे।"
यूट्यूब ने यह भी कहा कि उसके प्लेटफॉर्म पर आक्रामक या हानिकारक विज्ञापनों को चलने से रोकने के लिए सुरक्षा की कई परतें हैं और वह नियमित रूप से अभद्र भाषा वाली वीडियो हटाता रहता है।
पिछले साल कंपनी ने कहा था कि उसने अपनी पता लगाने की प्रणाली को खत्म करने की कोशिशों वाले 86.7 करोड़ से अधिक विज्ञापनों को अवरुद्ध किया है या हटा दिया है और कुल मिलाकर तीन अरब से अधिक बुरे विज्ञापनों को हटाया गया है। (आईएएनएस)
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