बर्लिन| पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण और परमाणु सुरक्षा मंत्रालय (बीएमयू) के एक अध्ययन के मुताबिक, अगर जलवायु परिवर्तन इसी तरह अनियंत्रित रहा तो पूरे जर्मनी में गर्मी, सूखे और भारी बारिश का खतरा तेजी से बढ़ जाएगा। जर्मन सरकार के जलवायु प्रभाव और जोखिम मूल्यांकन (केडब्ल्यूआरए) के अनुसार, नुकसान का एक डोमिनो प्रभाव होगा, जो पहले से ही भारी बोझ वाले पारिस्थितिक तंत्र जैसे कि मिट्टी, जंगल और पानी से मनुष्यों और उनके स्वास्थ्य तक फैल रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि जलवायु परिवर्तन के 100 से अधिक प्रभाव वाले क्षेत्रों में से लगभग 30 में कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता थी।
विश्लेषण किए गए कारकों में घातक गर्मी के झटके शामिल हैं, विशेष रूप से शहरों में, और पानी की कमी के कारण सूखी मिट्टी और साथ ही कम पानी का स्तर अधिक बार होता जा रहा है।
पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण और परमाणु सुरक्षा मंत्री स्वेंजा शुल्ज ने एक बयान में कहा, जर्मनी को शहरों में अधिक पेड़, छतों पर अधिक हरियाली, नदियों के लिए अधिक स्थान और बहुत कुछ चाहिए।
शुल्ज ने जोर देकर कहा कि जर्मनी में यह काम तेजी से होना चाहिए क्योंकि अब समय कम बचा है।
--आईएएनएस
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