- इसमें जमीन से छह फीट ऊपर धमाका किया जाता है ताकि धमाके से होने वाली तबाही का दायरा ज्यादा से ज्यादा हो।
-
इस बम को गिराने का मकसद बड़े लक्ष्यों को तबाह करना या जमीन पर बड़ी
सैन्य शक्ति या हथियारों के बेड़े को नुकसान पहुंचाना होता है।
- इसका
धमाका 11 टीएनटी बमों के धमाके के बराबर होता है। दूसरे विश्वयुद्ध में
जापान के हिरोशिमा पर जो न्यूक्लियर बम गिराया गया था, उसमें 15 टन टीएनटी
विस्फोटक था।
- साल 2003 में इराक युद्ध के दौरान अमेरिका ने एमओएबी बम
का टेस्ट किया था, लेकिन इसे किसी देश पर पहली बार इस्तेमाल किया गया है।
बाद में रूस ने इससे चार गुना शक्तिशाली बम बना लिया जिसका उसने ‘फादर ऑफ
ऑल बॉम्स’ (सब बमों का बाप) नाम दिया था।
- यह बम 30 फीट लंबा और 40 इंच चौड़ा होता है और इसका वजन 9500 किलो होता है। यह वजन हिरोशिमा पर गिराए गए बम के वजन से ज्यादा है।
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इससे होने वाले धमाके से हर दिशा में एक मील तक के इलाके को नुकसान
पहुंचता है। हालांकि न्यूक्लियर बम नहीं होने की वजह से इससे कोई रेडिएशन
नहीं फैलता।
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