हैम्बर्ग। भारत ने शनिवार को कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन में आतंकवाद निरोध पर बातचीत में उसका बड़ा प्रभाव रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय नेताओं के बीच आतंकवाद के साथ-साथ भ्रष्टाचार, मनी लांड्रिंग और कर चोरी को रोकने पर भी सहमति जताई। साथ ही तेजी से उभरते संरक्षणवाद को खारिज करते हुए भारत समेत जी20 के देशों ने शनिवार को संरक्षणवाद से लडऩे और बाजार को खोलने पर सहमति जताई। शिखर सम्मेलन में भारत की तरफ से शेरपा अरविंद पनगढिय़ा ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा,भारत का जी-20 शिखर सम्मेलन में आतंकवाद निरोध पर चर्चा में बड़ा प्रभाव रहा है और व्यापार एवं निवेश, पलायन और जलवायु परिवर्तन में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल वागले ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की जी-20 शिखर सम्मेलन में जर्मन चांसलर अंगेला मर्केल समेत यूरोपीय नेताओं के साथ बातचीत में आतंकवाद के खात्मे के उपाय बातचीत के केंद्र में रहे। जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और स्वीडन जैसे यूरोपीय देशों में हाल में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर मोदी यूरोपीय नेताओं के साथ अपनी हाल की सभी बैठकों में आतंकवाद से लडऩे का मुद्दा उठाते रहे हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जी-20 से कहा था कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को इस आर्थिक मंच (जी-20) की सदस्यता लेने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। मोदी का इशारा पड़ोसी देश पाकिस्तान की तरफ था, जिसे जी-20 की किसी भी बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है।
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