मुल्तान। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को कहा कि भारत में मुस्लिम विरोधी नागरिकता कानून और कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दों पर ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) के मंच से एक प्रभावी आवाज उठनी चाहिए। कुरैशी का बयान इस आशय की रिपोर्ट के बीच आया है कि ओआईसी कश्मीर मुद्दे पर एक विशेष सत्र बुला सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस मुद्दे पर ओआईसी के ऐसे सत्र पहले भी हो चुके हैं और उनका कोई विशेष प्रभाव नहीं रहा है लेकिन पाकिस्तान में इसे इस रूप में बताया जा रहा है कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को ऐसे सत्र के लिए राजी कर पाकिस्तान ने बड़ी राजनयिक जीत जैसी कोई चीज हासिल की है।
हालांकि, रेडियो पाकिस्तान ने अपनी रविवार की रिपोर्ट में कहा है कि ओआईसी अप्रैल 2020 में इस्लामाबाद में भारतीय नागरिकता कानून (सीएए) और कश्मीर पर सत्र बुलाने जा रहा है लेकिन अभी यह आधिकारिक रूप से नहीं कहा गया है कि ऐसा कोई सत्र होने जा रहा है या नहीं।
एक संवाददाता सम्मेलन में कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान पहले ही इन मुद्दों पर आवाज उठा चुका है। उन्होंने कश्मीर में इंटरनेट पर प्रतिबंध, विद्यार्थियों की शिक्षा में रुकावट और मरीजों को इलाज नहीं मिलने जैसे आरोप लगाए।
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