ब्रसेल्स। यूरोपीय संसद में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है।
मीडिया रिपोट्र्स में इसकी जानकारी दी गई। भारत द्वारा जम्मू एवं कश्मीर को
विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 और 35-ए को रद्द
करने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। वह वैश्विक स्तर पर इस मुद्दे
को उजागर करने की लगातार कोशिश कर रहा है।
इस संबंध में हालांकि पाकिस्तान
अभी तक कामयाब नहीं हो सका है और उसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का समर्थन
नहीं मिल पाया है। जियो न्यूज के अनुसार, यूरोपीय संघ की संसद में फ्रेंड्स
ऑफ कश्मीर ग्रुप के सह-अध्यक्ष रिचर्ड कॉर्बेट ने जम्मू एवं कश्मीर में
सैन्य प्रतिबंधों को कम करने के लिए भारत पर दबाव बनाने के लिए सभी संभव
साधनों का उपयोग करने का आह्वान किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने नई
दिल्ली पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाने की भी मांग की। इसके साथ ही उन्होंने
जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने और मानव अधिकारों के उल्लंघन
में शामिल लोगों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का भी प्रस्ताव रखा। रिपोर्ट
में कहा गया है कि सितंबर की शुरुआत में यूरोपीय संसद ने जम्मू एवं कश्मीर
में मानवाधिकारों के उल्लंघन सहित भयानक परिस्थितियों के लिए एक तत्काल
प्रस्ताव पर बहस की थी।
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