सैन
फ्रांसिस्को। साल 2020 में जुलाई से सितंबर तक की
अवधि में फेसबुक में हेट स्पीच या नफरत फैलाने वाली बातों इत्यादि का
प्रसार 0.10 से 0.11 प्रतिशत के बीच में रहा यानि कि फेसबुक पर पोस्ट किसी
कंटेंट के हर 10,000 व्यूज में से 10 से 11 हेट स्पीच में शामिल रहे। कंपनी
ने इस बात की जानकारी दी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
फेसबुक को अकसर नफरत या हिंसा फैलाने
वाले पोस्ट, स्पीच या कमेंट़्स के चलते आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है,
इसलिए पहली बार अपने प्लेटफॉर्म पर हेट स्पीच के प्रसार का खुलासा करते हुए
फेसबुक ने गुरुवार को कहा कि कंपनी ने सक्रियता से इस दिशा में काम करते
हुए लगभग 95 फीसदी हेट स्पीच को रिमूव कर दिया है।
फेसबुक ने अपने
एक बयान में कहा, "हम फेसबुक पर हेट स्पीच की संख्या को कैलकुलेट करते हैं
और फिर हम इस आधार पर इनकी लेबलिंग करते हैं कि इसने हमारी हेट स्पीच
पॉलिसी का कितना उल्लंघन किया है। चूंकि हेट स्पीच भाषा और संस्कृति पर
आधारित होती है, तो हम समीक्षकों को भिन्न भाषाओं व क्षेत्रों से संबंधित
इनमें से कुछ चुने हुए सैंपल भेजते हैं।"
हालांकि फेसबुक ने माना है
कि हेट स्पीच को परिभाषित करना आसान नहीं है क्योंकि हेट स्पीच किसे
कहेंगे और किसे नहीं, इस पर अलग-अलग राय है।
कंपनी ने आगे कहा,
"इतिहास, भाषा, धर्म, बदलते सांस्कृतिक मानंदड सभी वे महत्वपूर्ण कारक हैं,
जिन पर हम अपनी नीतियों को परिभाषित करते हैं।" (आईएएनएस)
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