सीरिया में हो रही हिंसा और आतंकवाद को खत्म करने की अपील करते हुए
ट्रंप ने कहा, ‘मैं सभी सभ्य देशों से अपील करता हूं कि वे सीरिया में हो
रहा खूनखराबा खत्म करने और हर तरह के आतंकवाद का खात्मा करने में सहयोग
करें।’ सीरिया की घटना के शिकार लोगों के प्रति संवेदना जताते हुए उन्होंने
कहा, ‘हम सभी घायलों के लिए प्रार्थना करते हैं। जो लोग मारे गए हैं, उनके
लिए भी हम दुआ करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जबतक अमेरिका न्याय के लिए
प्रतिबद्ध है, तब तक दुनिया में शांति और भाईचारा कायम रहेगा। ईश्वर
अमेरिका का भला करे और पूरी दुनिया के साथ भी अच्छा करे।’
ट्रंप का यह
बयान ऐसे वक्त आया है जब अमेरिका ने सीरिया के संबंध में रणनीति बदलने के
संकेतों के बीच पुराने रुख पर लौटते हुए उसने सीरिया के एयरबेस पर 59
मिसाइलें दागी हैं। पिछले छह साल से गृहयुद्ध की मार झेल रहे सीरिया में
पिछले दिनों बशर अल असद की सरकार पर अपने ही नागरिकों के खिलाफ रसायनिक
हमले की खबरें आई थीं। उसमें 20 बच्चों समेत तकरीबन 100 लोगों की मौत हो गई
थी। हालांकि सीरिया सरकार ने इस तरह के किसी भी हमले से इनकार किया था।
रूस की पुतिन सरकार ने भी सीरियाई सरकार के सुर में सुर मिलाया था और
संयुक्त राष्ट्र में उसके खिलाफ आने वाले किसी भी प्रस्ताव को वीटो करने की
धमकी दी थी।
पुतिन ने
निंदा की,हमलों को गैरकानूनी बताया...
अमेरिका द्वारा गुरुवार को सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के सैन्य
ठिकानों पर किए गए मिसाइल हमले की रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने
निंदा की है। पुतिन ने ट्रंप द्वारा कराए गए इन हमलों को ‘गैरकानूनी’ बताते
हुए कहा कि अमेरिका ने यह कदम उठाकर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन
किया है। पुतिन ने यह भी कहा कि इस घटना के कारण अमेरिका और रूस के आपसी
संबंधों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है।
बता दें कि रूस सीरिया में
असद सरकार को सैन्य समर्थन दे रहा है। इस हमले के बाद से ही दुनिया की
नजरें रूस पर टिकी थीं। रूस और ट्रंप के बीच की कथित नजदीकियों के मद्देनजर
अमेरिकी कार्रवाई के बाद पुतिन की प्रतिक्रिया पर सब टकटकी लगाए हुए थे।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने अमेरिकी मिसाइल हमले पर
प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि पुतिन सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के
पक्के सहयोगी हैं। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा सीरियाई
सेना के ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों से रूस बेहद नाखुश है। दिमित्री के
मुताबिक, पुतिन इस घटनाक्रम को सीरिया की संप्रभुता के खिलाफ ‘अमेरिकी
आक्रामकता’ के तौर पर देख रहे हैं।
पुतिन की ओर से कहा गया है कि अमेरिका
इराक में हो रही निर्दोष लोगों की मौत से दुनिया का ध्यान भटकाना चाहता है
और इसीलिए उसने असद पर ‘मनगढ़ंत आरोप’ लगाकर यह हमला किया। दिमित्री ने
कहा, ‘पुतिन का मानना है कि सीरिया पर अमेरिका द्वारा किया गया हमला एक
संप्रभु देश के खिलाफ दिखाई गई उसकी आक्रामकता है। यह अंतरराष्ट्रीय
कानूनों के खिलाफ है और असद पर लगाए गए आरोप भी बेबुनियाद और मनगढ़ंत हैं।’
इस
हमले की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के बीच टकराव पैदा होने के मुद्दे पर
दिमित्री ने कहा, ‘वॉशिंगटन का यह कदम अमेरिका-रूस के संबंधों को काफी
गंभीर नुकसान पहुंचाएगा।’
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