वॉशिंगटन/इस्लामाबाद। अमेरिका ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी है कि अगर उसने अफगानिस्तान के आतंकी समूहों को पालने का काम जारी रखा तो वह यूएस का विशेष सैन्य सहयोगी होने का दर्जा खो देगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अफगानिस्तान नीति जारी करने के बाद ही अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने इस्लामाबाद पर यह सख्त टिप्पणी दी है। ट्रंप ने भी अपने संबोधन में पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर उसने अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क का समर्थन करना जारी रखा तो इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वहीं, पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने बुधवार को कहा कि अमेरिका से उनका देश कोई साजो-सामान या वित्तीय मदद नहीं मांग रहा है, लेकिन वॉशिंगटन को इस्लामाबाद के साथ इज्जत के साथ पेश आना चाहिए। पाकिस्तान में रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय में अमेरिकी राजदूत डेविड हेल से मुलाकात के दौरान बाजवा ने यह बात कहीं। उन्होंने कहा, हम अमेरिका से साजो-सामान या वित्तीय मदद नहीं मांग रहे हैं, लेकिन हमारे योगदान पर विश्वास करिए, समझिए और स्वीकारिये।
इधर, टिलरसन ने मीडिया से कहा, हमारे कुछ हित जुड़े हुए हैं। सहायता और गैर—नाटो सहयोगी के रूप में पाकिस्तान को मिले दर्जे पर चर्चा हो सकती है। 16 देशों के गैर-नाटो के बड़े सहयोगियों में से एक पाकिस्तान को मदद के तौर पर अरबों डॉलर दिए जाते हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान के पास यूएस की कुछ अडवांस्ड मिलिटर टेक्नॉलजियों का इस्तेमाल करने की भी इजाजत है। इस साल, अमेरिका ने पहले ही पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम न उठाने को लेकर 35 करोड़ डॉलर की मिलिटरी फंडिंग पर रोक लगा थी। टिलरसन ने कहा कि वॉशिंगटन पाकिस्तान के साथ मिलकर काबुल में तालिबान के खिलाफ लडऩा चाहता है।
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