सैन फ्रांसिस्को|
गूगल को राहत पहुंचाते हुए एक न्यायाधीश ने गूगल के पूर्व कर्मचारियों
द्वारा उसके खिलाफ लगाए गए लैंगिक भेदभाव का मुकदमा खारिज कर दिया है,
जिसमें कंपनी पर महिलाओं के मुकाबले पुरुष कर्मचारियों को अधिक भुगतान करने
का आरोप था।
डब्ल्यूटीएचआईटीवी डॉट कॉम की बुधवार देर रात जारी रिपोर्ट में बताया गया,
सैन फ्रांसिस्को सुपीरियर कोर्ट के न्यायाधीश मेरी ई. विस ने कहा कि लगाए
गए आरोप क्लास एक्सन मुकदमा चलाने के लिए अपर्याप्त हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
क्लास-एक्शन मुकदमें में आरोप लगाया गया था कि "कंपनी के हर विभाग में महिलाओं के वेतन में भेदभाव था।"
विस
ने कहा, "अभियोगी यह दिखाने में असफल रहे कि उनके पुरुष समकक्षों की तुलना
में समान या बेहतर काम करने के लिए उन्हें कम वेतन प्राप्त हुआ।"
संशोधित अपील दर्ज करने के लिए तीन महिलाओं को 30 दिनों का वक्त दिया गया है।
सितंबर
में, गूगल के तीन पूर्व कर्मचारियों प्रौद्योगिकी दिग्गज के खिलाफ
क्लास-एक्शन मुकदमा दायर किया और आरोप लगाया था कि गूगल पदोन्नति और वेतन
के मामले में लिंग के आधार पर भेदभाव करती है।
फोर्चुन में
प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल के तीन पूर्व कर्मचारी, जो कंपनी में
सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे, कम्यूनिकेशन विशेषज्ञ और प्रबंधक के पद थे।
उन्होंने मुकदमा दाखिल कर कहा था, "गूगल केलिफरेनिया में महिलाओं को उनके
समान काम करनेवाले पुरुषों की तुलना में कम वेतन देती है तथा उन्हें ऐसे
काम पर रखा जाता है, जिसमें पदोन्नति के मौके कम होते हैं।"
महिलाओं
के वकील केली दर्मोडी ने एक बयान में कहा, "गूगल जहां उद्योग में प्रमुख
प्रौद्योगिकी प्रवर्तक है, लेकिन उसका महिला कर्मचारियों के प्रति रवैया
21वीं सदी जैसा नहीं है।"
आईएएनएस
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