चीन का विरोध क्यों?
गेंग ने कहा था, चीन विवादित क्षेत्रों पर दलाई की यात्रा का मजबूती से विरोध करता है। उन्होंने कहा, चीन भारत सीमा विवाद के पूर्वी क्षेत्र पर चीन की स्थिति निरंतर एवं साफ है। दलाई गिरोह लंबे समय से चीन विरोधी अलगाववादी क्रियाकलापों में लिप्त है और सीमा से जुड़े सवाल पर इसका रिकार्ड उतना अच्छा नहीं है। गेंग ने कहा था कि चीन ने औपचारिक तरीकों से भारत के सामने अपनी चिंता जताई है। उन्होंने कहा, भारत दलाई लामा मुद्दे की गंभीरता और चीन भारत सीमा प्रश्न की संवेदनशीलता से पूरी तरह से जागरूक है। उन्होंने कहा, ऐसी पृष्ठभूमि में अगर भारत दलाई लामा को संबंधित क्षेत्र का दौरा करने के लिए आमंत्रित करता है तो यह सीमा क्षेत्र एवं चीन भारत संबंधों की शांति एवं स्थिरता को गंभीर क्षति पहुंचाएगा। प्रवक्ता ने कहा कि चीन और भारत दो विकासशील देश हैं। हमारे अपने—अपने विकास में हमारे समक्ष बहुत सी चुनौतियां हैं और चुनौतियों से बेहतर ढंग से निपटने के लिए हमें एक दूसरे की चिंताओं के प्रति अधिक संवेदनशील होना चाहिए।
दलाई लामा करेंगे अरुणाचल का दौरा, रिजिजू करेंगे मुलाकात
चीन की आपत्ति के बावजूद, तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा का अरुणाचल प्रदेश का हफ्ते भर का दौरा तय कार्यक्रम के मुताबिक होगा। दलाई लामा चार से 13 अप्रैल तक पूर्वोत्तर के राज्य में रहेंगे और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू समेत अन्य लोग वहां पर उनसे मुलाकात करेंगे।
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