बीजिंग। चीन ने मंगलवार को कहा कि उसने भारत से शिकायत की है कि उसके सैनिकों ने अवैध रूप से चीनी सीमा में प्रवेश किया है, साथ ही यह संकेत दिया कि जब तक सैनिकों को वापस नहीं बुलाया जाता, मानसरोवर यात्रा पुन: शुरू नहीं होगी। 47 भारतीय तीर्थयात्रियों की मानसरोवर यात्रा रोकने का कारण बीजिंग ने भारतीय तथा चीनी सैनिकों का कथित तौर पर सिक्किम में सीमा पर आमने-सामने आना बताया है। बीजिंग ने यह भी कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा का भविष्य नई दिल्ली पर निर्भर करता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा, हमने बीजिंग में इस पर औपचारिक विरोध दर्ज कराया है और नई दिल्ली हमारे औपचारिक विरोध पर विस्तार से प्रकाश डालेगा। लु ने कहा, अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता को अक्षुण्ण रखने को लेकर हमारा रुख स्पष्ट है और हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष इस दिशा में चीन के साथ मिलकर काम करेगा और चीनी सीमा में दाखिल हुए भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने के लिए फौरन कदम उठाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारतीय मीडिया की खबरों के मुताबिक, चीनी सैनिक भारतीय सीमा के भीतर दाखिल हुए और उन्होंने दो बंकरों को तबाह कर दिया। बीजिंग ने आरोपों से इनकार किया है। पहले जारी एक बयान में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, सिक्किम में चीन-भारत सीमा को 1890 के चीन-ब्रिटिश समझौते द्वारा निर्धारित किया गया था। भारत की आजादी के बाद भारत सरकार ने कई बार लिखित में इसकी पुष्टि की और स्वीकार किया कि दोनों पक्षों के बीच सीमा को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। बयान के मुताबिक, चीनी पक्ष ने सिक्किम में चीन-भारत सीमा पर शांति व सौहार्द्र बरकरार रखने को लेकर भारतीय पक्ष से सीमा समझौते का आदर करने, चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का आदर करने, सीमा अधिकारियों को फौरन वापस बुलाने तथा मामले की पूरी तरह जांच करने को कहा।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए तिब्बत में इंतजार कर रहे भारतीय तीर्थयात्रियों के बारे में पूछे जाने पर लु ने कहा कि यह भारत पर निर्भर करता है कि वह मामले से किस प्रकार निपटता है। उन्होंने कहा, मुझे ऐसा लगता है कि भारतीय पक्ष इस बात से स्पष्ट है कि भारतीय तीर्थयात्रियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए चीन ने लंबे समय तक अथक प्रयास किए हैं। प्रवक्ता ने कहा, लेकिन हाल में हमारे निर्माण कार्य को बाधित करने के लिए भारतीय सीमा प्रहरियों ने चीनी सीमा का अतिक्रमण किया, इसलिए हमें सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक कार्रवाई करनी पड़ी है।
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