बीजिंग। चीन और पाकिस्तान की दोस्ती बढती ही जा रही है। दोनों देशों की दोस्ती भारत के लिए मुसीबत खडी कर सकती है। चीन और पाकिस्तान के बीच की दोस्ती आर्थिक रिश्तों से गुजरते हुए अब सामरिक हितों तक पहुंच गई है। इस दोस्ती को आगे बढाते हुए चीन ने पाकिस्तान को एक शक्तिशाली मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम बेचा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारत द्वारा गुरुवार को ब्रह्मोस मिसाइल परीक्षण के बाद इस डील की खबर सामने आई है। पेइचिंग और इस्लामाबाद के बीच हुई इस डील पर भारत की पैनी नजर है। माना जा रहा है कि इस करार से पाकिस्तान अपने मल्टी वॉरहेड मिसाइल विकास कार्यक्रम को और मजबूत बना सकता है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार अभी इस डील की रकम के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना ने इस सिस्टम का एक फायरिंग रेंज के करीब इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है। इसके जरिए पाकिस्तानी सेना नए मिसाइल को विकसित करने की प्रक्रिया में लग गई है। चाइनीज अकैडमी ऑफ साइंस के एक रिसर्चर ने समाचार पत्र में यह खुलासा किया है। सिचुआन प्रांत के सीएएस इंस्टिट्यूट के रिसर्चर जेंग मेंगवेई ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से इस बात की पुष्टि की कि पाकिस्तान ने चीन से यह अत्याधुनिक मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम को खरीदा है।
भारत के ब्रह्मोस मिसाइल परीक्षण करने के तुरंत चीन द्वारा पाकिस्तान को यह सिस्टम बेचने की खबर सामने आई है। इस ब्रह्मोस मिसाइल को दुनिया का सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बताया जा रहा है।
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