बीजिंग। चीन ने गुरुवार को सावधानी के साथ भारत के गणतंत्र दिवस पर दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) की मेजबानी का स्वागत किया। इस कदम को चीन के क्षेत्र में बढ़ते प्रभाव को भारत के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चीन ने कहा कि उसे भारत के दस सदस्यीय गुट के साथ बढ़ते मित्रता व सहयोग पर कोई आपत्ति नहीं है। यह मीडिया के एक वर्ग की उपज है।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, "सभी देशों के मित्रवत संबंध विकसित करने को लेकर चीन खुली सोच रखता है। इसलिए भारत के आसियान देशों के साथ मित्रवत व सहयोगी संबंधों को लेकर हमें आपत्ति नहीं है।"
हुआ ने कहा, "हमें उम्मीद है कि सभी देश साथ मिलकर शांति, स्थिरता व क्षेत्र के लिए काम कर सकते हैं। हम सभी इस संदर्भ में एक रचनात्मक भूमिका निभा सकते हैं।"
बीते साल भारत ने आसियान देशों के नेताओं को गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। ज्यादातर आसियान के नेता नई दिल्ली में समारोह में भाग लेने पहुंच चुके हैं।
जानकारों का कहना है कि भारत की मंशा इस गुट के साथ संबंधों को मजबूत करने के साथ चीन के क्षेत्र में बढ़ते प्रभुत्व से मुकाबला करने की भी है।
चीन धीरे-धीरे इस गुट के अपने शत्रुओं वियतनाम व फिलीपींस पर जीत हासिल कर रहा है। वियतनाम व फिलीपींस विवादित दक्षिण चीन सागर में अपना दावा करते हैं।
इस पर अपनी राय देते हुए हुआ ने कहा कि यह मीडिया की रचना है।
हुआ ने कहा, "हाल के दिनों में कुछ भारतीय मीडिया ने एक आदत बना ली है। उन्होंने अपने घरेलू मामलों को चीन के साथ जोड़ दिया है।"
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि भारतीय नेतृत्व इस बारे में क्या सोचता है। लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि भारतीय मीडिया आश्वस्त नहीं है और वे हम पर विश्वास नहीं करते हैं।"
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