बीजिंग। चीन ने शुक्रवार को अपनी आर्कटिक नीति पर एक श्वेत पत्र का प्रकाशन किया। इसमें सहयोगी शासन के वादे के साथ ‘ध्रुवीय रेशम मार्ग’ के लिए अपने दृष्टिकोण का वर्णन किया है, जिसे राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बेल्ट व रोड पहल का विस्तार कहा गया है। भारत वन बेल्ट व रोड परियोजना का विरोध करता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस दस्तावेज को राज्य सूचना परिषद कार्यालय ने ‘चीन की आर्कटिक नीति’ का नाम दिया है। इसमें कहा गया है कि चीन अवसंरचना निर्माण व वाणिज्यिक परीक्षण यात्राओं के लिए उद्यमों को प्रोत्साहित करेगा, ताकि आर्कटिक पोत-परिवहन का मार्ग प्रशस्त हो, जिससे ध्रुवीय रेशम मार्ग का निर्माण हो सके।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘चीन को आर्कटिक पोत परिवहन के विकास के जरिए सभी पक्षों के साथ मिलकर एक ध्रुवीय रेशम मार्ग बनाने की उम्मीद है।’’
सिल्क रोड इकॉनोमिक बेल्ट व 21वीं सदी की समुद्री रेशम मार्ग (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) से आर्कटिक से संपर्क, सतत अर्थिक व सामाजिक विकास हो सकेगा। दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘यह पोत-परिवहन सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होगा।’’
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