बीजिंग। चीन ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में दाखिल होने का विरोध करेगा। चीन ने यह बात एक बार फिर तब दोहराई है, जब एनएसजी का पूर्ण सत्र बर्न में जारी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, जहां तक गैर-एनपीटी (परमाणु अप्रसार समझौता) देशों की बात है, तो मैं आप से कह सकता हूं कि चीन के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पिछले साल सियोल में एनएसजी के पूर्ण सत्र के दौरान 48 सदस्यीय एनएसजी में प्रवेश के लिए भारत के आवेदन का चीन ने विरोध किया था। जारी पूर्ण सत्र शुक्रवार को समाप्त हो रहा है। बर्न में बीजिंग से भारत के एनएसजी में प्रवेश को लेकर जो उम्मीद की जा रही है, उससे नई दिल्ली को एक साल का और इंतजार करना पड़ेगा। वैश्विक स्तर पर परमाणु व्यापार पर नियंत्रण के लिए एनएसजी सर्वसम्मति के सिद्धांत पर कार्य करता है।
गेंग ने कहा, मैं इस ओर ध्यान दिलाना चाहता हूं कि विस्तार को लेकर एनएसजी के नियम स्पष्ट हैं और सियोल में पूर्ण सत्र के दौरान यह स्पष्ट कर दिया गया था कि मुद्दे से किस प्रकार निपटना है। हमें इन नियमों तथा सहमति से कार्य करने की जरूरत है।
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